दुनिया में महिलाओं को सबसे ज्यादा खुशी मां बनने में मिलती है। मां बनना हर औरत का सपना होता है। मां बनना हर औरत के लिए खुशी की बात होती है। हर महिला का सौभाग्य होता है मां बनना। भगवान का एक तरह से हर औरत को वरदान होता है मां बनने का। ऐसा कहा जाता है कि हर औरत मां बनने के बाद सम्पूर्ण हो जाती है।
जब किसी भी औरत के अगर जुड़वां बच्चें होते हैं तो उनकी खुशी और भी दोगुनी हो जाती है। अक्सर आपने सुना होगा कि जिस भी महिला एक गर्भ में दो से ज्यादा बच्चे होते हैं तो उन्हें काफी सारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। उन्हें उस समय में काफी दिक्कतें आती हैं।
आज हम आपको एक ऐसी खबर बताने जा रहे हैं जिसे सुनकर आपके होश उड़ जाएंगे। एक ऐसी महिला है जिसके 6 महीने में 85 बच्चे हो गए हैं। आप यह बात सुनकर चौंक गए हैं। यह खबर बिल्कुल सच है कि एक महिला ने 6 महीने में 85 बच्चों को जन्म दिया है। इससे पहले आपने ऐसी कोई भी बात या खबर नहीं सुनी और पढ़ी होगी कि कोई भी महिला 6 महिनों में 85 बच्चों को जन्म दे सकती है।
जिसने भी यह खबर सुनी है उनका सबका ही दिमाग चलना बंद हो गया है। हम आपको पहले ही बता चुकें हैं कि यह बात बिल्कुल 100 प्रतिशत सच है। यह खबर गुवाहाटी की है जहां पर एक महिला ने 6 महिनों में 85 बच्चों को जन्म दिया है।
इस खबर से अपना दिमाग मत खराब कीजिए पहले अच्छे से इस खबर को पूरी तरह से पढ़ लिजिए। चलिए हम आपको इस खबर का पूरा सच बताते हैं। इस सच को जानकर आप भी चौंक जाएंगे।
बता दें कि इस महिला ने 6 महीनों में 85 बच्चों को जन्म दिया है। असल बात तो सोचने वाली है कि इस महिला ने ऐसा कारनामा आखिर कैसे कर लिया है। इस महिला का नाम लिली है। यह गुवाहाटी के एक सरकारी अस्पताल में नर्स है और इस महिला ने यह सारा काम पैसों की लालच में किया है।
सरकार की एक योजना के तहत जो भी महिला सरकारी अस्पताल में बच्चे को जन्म देती है तो उसे 500 रुपए दिए जाते हैं। बता दें कि नर्स लिली ने सरकार की इस योजना का लाभ लेने के लिए यह सबकुछ किया है।
जो भी महिला की इस सरकारी अस्पताल में डिलवरी होती थी तो वह उस महिला के नाम कि जगह अपना नाम रजिस्टर करवा देती थी। अधिकारियों ने यह बताया है कि अस्पताल में लगभग 160 डिलवरी हुई थीं और उसमें से 85 बच्चों को जन्म देने वाली महिला का नाम लिली ही लिखा गया था। नर्स लिली ने इस सरकारी योजना का गलत तरीके से इस्तेमाल करके 40 हजार रुपए कमा लिए हैं।
जब सरफराज हक नाम के वरिष्ठ अधिकारी को इस मामले की जानकारी हुई, तो उन्होंने मामले की जांच की। उन्होंने पाया कि लिली ही इस योजना के पेमेंट की प्रक्रिया को देख रही थी। इसलिए वह वास्तविक महिला की जगह हर बार अपना नाम लिखने में सफल रहती थी।
मामले के सामने के बाद नर्स लिली को सस्पेंड कर दिया गया था। अपना पक्ष रखते हुए लिली ने कहा कि सरकार नर्स को अधिक वेतन नहीं देती है, इसलिए ज्यादा पैसे कमाने के लिए उसने यह कदम उठाया लेकिन यह मामला बेहद ही चौकाने वाला था।