उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने मदरसों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए योगी सरकार ने प्रदेश के 46 मदरसों की अनुदान राशि को रोक दिया है। इन तमाम मदरसों के खिलाफ जांच के बाद यह पाया गया कि ये मदरसे मानक के अनुसार नहीं चल रहे थे। जिसका हवाला देते हुए योगी सरकार ने मदरसों के अनुदान को रोक दिया है। शासन की जो रिपोर्ट सामने आई है उसमे कहा गया है कि ये मदरसे मानक के अनुरूप नहीं है।
इसकी जांच जिलों के डीएम, डीआईओएस व अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी ने जांच की है। इस जांच के करीब दो महीने बाद तथ्य सामने आए हैं। बताया जा रहा है कि ये सभी 46 मदरसे भवन मानकों पर सही नहीं है।
बता दे कि इससे पहले भी अखिलेश सरकार के समय तत्कालीन अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मोहम्मद आजम खां ने विभागीय अफसरों द्वारा अनुदान के लिए भेजे जाने वाले 46 मदरसों की लिस्ट पर रोक लगा दी थी और उसके जांच के आदेश दिए थे। सरकार यूपी के 560 मदरसों को अनुदान देती है।
इन सभी 46 मदरसों का अल्पसंख्यक विभाग द्वारा ग्रांट रोका गया है। इसमें फैजाबाद, जौनपुर, कानपुर, कुशीनगर, मऊ व कन्नौज के मदरसे शामिल हैं।
इन मदरसों पर पढ़ाई लिखाई सिर्फ कागजों में ही दिखाए जाने का आरोप है। बता दे कि आरोप यह है कि इन मदरसों में पढ़ाई लिखाई नहीं होती है। बल्कि कागजों में दिखाया जाता है। इससे पहले योगी सरकार ने आदेश जारी कर सूबे के सभी मदरसों को हिंदी में मदरसे का नाम, खुलने और बंद होने का वक्त समेत तमाम जानकारियां लिखनी होंगी।