टीम इंडिया में जगह पानी है तो यो-यो टेस्ट पास करना बेहद जरूरी है। इस टेस्ट को पास नहीं कर पाने के कारण कई क्रिकेटर टीम से बाहर हो जाते हैं। हैरान करने वाली बात यह है कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) और टीम प्रबंधन ने भारतीय टीम के लिए जो मानक यो-यो टेस्ट में तय किए हैं, वह दुनिया की अन्य टॉप टीमों के मुकाबले सबसे कम हैं। टीम इंडिया के हर खिलाड़ी को यो-यो टेस्ट में पास होने के लिए 16.1 नंबर लाना अनिवार्य है।
इंग्लैंड के खिलाड़ियों के लिए यो-यो टेस्ट में पास होने के लिए 19 अंक लाना अनिवार्य है।
न्यूजीलैंड के खिलाड़ियों के लिए भी पास मार्क 19 ही है।
साउथ अफ्रीकी खिलाड़ियों के लिए इस टेस्ट में 18.5 अंक लाना जरूरी है।
श्रीलंकाई खिलाड़ियों को इस टेस्ट में पास मार्क 17.4 अंक लाने पर ही मिलता है।
पाकिस्तानी खिलाड़ियों को भी यो-यो टेस्ट में 17.4 मार्क्स लाना जरूरी है।
जाहिर है भारतीय टीम प्रबंधन और बीसीसीआई के द्वारा टीम इंडिया के खिलाड़ियों के लिए इस फिटनेस टेस्ट में रखे गए पास मार्क्स काफी कम हैं। यहां तक की पाकिस्तान की टीम जिसके खिलाड़ियों के फिटनेस को लेकर अक्सर सवाल उठते हैं उस टीम के भी पास मार्क्स काफी हाई हैं। ‘दि मिरर’ से बातचीत करते हुए टीम इंग्लैंड के प्रवक्ता ने बतलाया कि यो-यो टेस्ट में पास होने के लिए जो रूट एंड कंपनी को 19 मार्क्स लाना अनिवार्य है। हालांकि साउथ अफ्रीकी टीम के प्रवक्ता ने पास मार्क का खुलासा करने से इनकार करते हुए कहा कि टीम में अलग -अलग खिलाड़ियों को फिटनेस टेस्ट पास करने के लिए अलग-अलग अंक लाने होते हैं। उन्होंने कहा कि निश्चित तौर से यह 16 अंक से ऊपर है। हालांकि ‘दि मिरर’ ने यह सूचना दी है कि यह पास मार्क 18.5 है। क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने पिछले चार सालों से यो-यो टेस्ट लेना बंद कर दिया है। पूर्व खिलाड़ी ग्रेग चैपल ने बतलाया कि चार साल पहले इस टेस्ट में 19 अंक लाना अनिवार्य था।
क्या है यो-यो टेस्ट?
यो-यो टेस्ट एक तरह का फिटनेस टेस्ट है जो कि क्रिकेट, फुटबॉल, हॉकी, रक्बी आदि खेलों में होता है। इस टेस्ट का मुख्य उद्देश्य खिलाड़ियों का स्टेमिना जांचना और फिटनेस को परखना है। यह बीप टेस्ट का एडवांस वर्जन है जिसमें 20-20 मीटर की दूरी पर दो लाइनें बनाकर कोन रख दिए जाते हैं। एक छोर की लाइन पर खिलाड़ी को पैर पीछे की ओर रखना होता है और बीप बजते ही दौड़ लगानी होती है। हर मिनट के बाद गति और बढ़ानी होती है और अगर खिलाड़ी वक्त पर लाइन तक नहीं पहुंच पाता तो उसे दो बीप्स के भीतर लाइन तक पहुंचना होता है। अगर वह ऐसा करने में नाकाम होता है तो उसे फेल माना जाता है।
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