नई दिल्ली: टेस्ट क्रिकेट में सबसे कम मैचों में 250 और 300 विकेट लेने वाले भारतीय आफ स्पिनर अश्विन को आगे भी सबसे तेज का रिकार्ड बनाने और 600 विकेट के जादुई आंकड़े को छूने के लिये विदेशी सरजमीं पर अच्छा प्रदर्शन करना होगा क्योंकि भारतीय टीम को अगले दो सालों में स्वदेश के बजाय विदेशों में अधिक टेस्ट मैच खेलने हैं। अश्विन ने श्रीलंका के खिलाफ हाल में नागपुर टेस्ट मैच में अपने 54वें मैच में 300वां विकेट लेकर सबसे कम मैचों में इस मुकाम पर पहुंचने का रिकार्ड बनाया था।
इसके बाद 350 से लेकर 800 विकेट तक के सभी रिकार्ड श्रीलंका के दिग्गज मुथैया मुरलीधरन के नाम पर हैं जिनकी नजर में अभी यह भारतीय आफ स्पिनर विश्व का सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज है। अश्विन अभी जिस गति से विकेट ले रहे हैं उससे वह मुरलीधरन के सबसे तेज 350 और 400 विकेट लेने के रिकार्ड को तोड़ सकते हैं या उसकी बराबरी कर सकते हैं लेकिन इसके लिये उन्हें विदेशों में अच्छा प्रदर्शन करना होगा।
विदेशी सरजमीं पर 20 टेस्ट मैचों में केवल 84 विकेट लिये हैं। इस तरह से उन्होंने विदेशों में प्रति टेस्ट 4.2 विकेट लिये हैं जबकि ओवर आल उनका यह औसत प्रति टेस्ट 5.5 है। विदेशों के इन विकेटों में भारतीय उपमहाद्वीप के अन्य देशों (श्रीलंका और बांग्लादेश) में सात टेस्ट मैचों में लिये गये 43 विकेट भी शामिल हैं।