लखनऊ: उत्तर प्रदेश को इस साल इंडियन प्रीमियर लीग के किसी भी मैच की मेजबानी का मौका नहीं मिलेगा चूंकि आईपीएल द्वारा जारी कलेंडर में राज्य के किसी स्टेडियम का नाम नही है। किसी भी फ्रेंचाइजी ने कानपुर के ग्रीन पार्क और लखनऊ के नव निर्मित इकाना स्टेडियम में मैच कराने में कोई रूचि नही दिखाई है।
ग्रीन पार्क में पिछले दो साल गुजरात लायंस की टीम ने अपने दो दो मैच खेले। लेकिन उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ के पदाधिकारियों के मुताबिक आईपीएल चेयरमैन राजीव शुक्ला ने अपने गृहनगर में मैच के आयोजन के लिये व्यक्तिगत रूचि दिखाई थी और इसी वजह से कानपुर को ये मैच मिले।
इस आईपीएल का पहला मैच सात अप्रैल को मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में खेला जायेगा, जिसमें सुपरकिंग्स की आइपीएल में वापसी होगी जिसे भ्रष्ट गतिविधियों में लिप्त होने के कारण दो साल के लिए निलंबित किया गया था। इस मैच में मुंबई इंडियंस की टीम और चेन्नई सुपरकिंग्स की टीम आमने-सामने होंगी। यह आईपीएल मैच सात अप्रैल से लेकर 25 मई तक चलने वाला है।
लेकिन कानपुर में अच्छे होटलों और हवाई अड्डे जैसी सुविधाओं का अभाव इस बार आईपीएल फ्रेंचाइजी मालिको की बेरूखी का सबसे बड़ा कारण रहा। यूपीसीए के सीईओ ललित खन्ना ने बताया कि कानपुर के ग्रीन पार्क स्टेडियम को तो पहले ही इस बार किसी भी फ्रेंचाइजी आईपीएल टीम ने लेने में रूचि नही दिखाई थी।
लखनऊ के इकाना स्टेडियम में दिल्ली डेयर डेविल्स की दिलचस्पी थी और उनकी टीम ने इस महीने की शुरूआत में इकाना का दौरा भी किया था लेकिन पता नही बाद में क्या हुआ कि जब आईपीएल का कैलेंडर जारी हुआ तो उसमें लखनऊ का स्टेडियम भी शामिल नही है। यूपीसीए के सूत्रों ने बताया कि दिल्ली डेयरडेविल्स के अलावा दो साल के प्रतिबंध के बाद लौटी राजस्थान रायल्स के भी मैच लखनऊ में कराने की कोशिश की गई लेकिन रायल्स ने अपने घरेलू मैदान जयपुर को ही चुना।
सूत्र कहते है कि अभी भी यूपीसीए इस बात को लेकर आशान्वित है कि अगर समय पर जयपुर का सवाई मानसिंह स्टेडियम तैयार न हो पाया तो शायद राजस्थान रायल्स के एक दो मैच अंतिम समय में लखनऊ के इकाना स्टेडियम की झोली में गिर जायें। वैसे इसकी संभावना लगभग न के बराबर है।
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