पिछले हफ्ते 14 फरवरी को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में हुआ आतंकी हमला जिसमें 44 जवान शहीद हो गए। इस हमले के बाद अब सवाल उठ रहे हैं कि विश्व कप 2019 में भारत 16 जून को पाकिस्तान के खिलाफ मैच खेलेगा या नहीं।
भारत देश में कर्ई ऐसे लोग हैं जो विश्व कप में भारत और पाकिस्तान के मैच का बहिष्कार कर रहे हैं। वह कह रहे हैं कि भारत को इस विश्व कप में पाकिस्तान के खिलाफ मैच नहीं खेलना चाहिए।
ऐसा होना चाहिए हां बिल्कुल होना चाहिए अब आप इसमें विश्वास करें या नहीं लेकिन ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है। आज हम आपको ऐसी टीमों के बारे में बताएंगे जिन्होंने अतीत में विश्व कप में कई मैचों का बहिष्कार किया है। चलिए जानते हैं वो कौन सी टीमें हैं।
1) 1996 में श्रीलंका के खिलाफ ऑस्ट्रेलिया:
1996 में विश्व कप शुरू होने में 1 महीने से भी कम का समय रह गया था। उस साल भारत, पाकिस्तान और श्रीलंका तीनों ने मिलकर विश्व कप होस्ट किया था। सरकार के खिलाफ गृह युद्ध के दौरान LTTE द्वारा कोलंबो में एक घातक बमबारी की गई थी।
सुरक्षा को देखते हुए ऑस्ट्रेलिया ने श्रीलंका के खिलाफ कोलंबो में मैैच खेलने से मना कर दिया। उस समय ऑस्ट्रेलिया की टीम मुंबई में थी और श्रीलंका को वाकओवर की वजह से दो अंक मिल गए थे। ग्रुप ए में श्रीलंका के बाद दूसरे नंबर पर ऑस्ट्रेलिया था और फाइनल मैच में श्रीलंका को पहली बार अर्जुन रणतुंगा ने विश्व कपर का खिताब जिताया।
2) 1996 में श्रीलंका के खिलाफ वेस्ट इंडीज:
ऑस्ट्रेलिया की तरह वेस्टइंडीज ने भी सुरक्षा की वजह से कोलंबो में श्रीलंका के खिलाफ साल 1996 में मैच नहीं खेला था। श्रीलंका को वॉकओवर की वजह से फिर से दो अंक दे दिए थे जिसकी वजह से वह ग्रुप स्टेज में सबसे आगे थी। वेस्टइंडीज इस टूर्नामेंट में चार अंकों के साथ चौथे स्थान पर रहा था।
3) 2003 में जिम्बाब्वे के खिलाफ इंग्लैंड:
जिम्बाब्वे को मौत की धममिकयां मिल रही थीं जिसकी वजह से 2003 के विश्व कप के दौरान इंग्लैंड ने हरारे जाकर जिम्बाब्वे के खिलाफ मैच खेलने का अपना फैसला बदल दिया और वह वहां नहीं गए।
इंग्लैंड ने वॉकओवर में चार अंकर हासिल किए और टूर्नामेंट में 12 अंकों के साथ अंत तक गई लेकिन दूसरी बार भी विश्व कप के टूर्नामेंट में लगातार दूसरी बार नॉकआउट राउंड में जाने मेंं सफल नहीं हुई। इसी बीच ग्रुप ए में 14 अंकों के साथ जिम्बाब्वे सुपर सिक्स में तीसरे स्थान पर रहा लेकिन वह सारे मैच हार गया था और टूर्नामेंट से बाहर हो गया था।
4) 2003 में केन्या के खिलाफ न्यूजीलैंड:
नैरोबी को एक आतंकवादी संगठन से हमले की धमकियां मिल रही थीं जिसकी वजह से न्यूजीलैंड ने सुरक्षा कारणों की वजह से केन्या के खिलाफ मैच नहीं खेला और मना कर दिया।
न्यूजीलैंड क्रिकेट बोर्ड ने अपने बयान में कहा था कि, केन्या को आईसीसी सुरक्षा प्रतिनिधिमंडल द्वारा प्राप्त जानकारी से यह पता चल गया था कि नैरोबी में आतंकी हमला हो सकता है और बोर्ड ने कुछ भी बदलाव नहीं किए थे। जिसकी वजह से उन्होंने केन्या के खिलाफ मैच खेलने से इंकार कर दिया था।