भारत और इंग्लैंड के बीच वनडे सीरीज खत्म हो चुकी है और आच यानी 1 अगस्त से दोनों के बीच में 5 टेस्ट मैचों की सीरीज शुरू हुई है। टेस्ट सीरीज से पहले भारत और इंग्लैंड के बीच टी20 सीरीज और वनडे सीरीज खेली गई थी। जिसमें टी20 सीरीज को भारत ने 2-1 से जीत लिया था और वनडे सीरीज को इंग्लैंड ने 2-1 से जीत लिया था।
भारत और इंग्लैंड के बीच टेस्ट सीरीज का हुआ आगाज
भारतीय टीम को इंग्लैंड की सरजमी पर हमेशा से ही टेस्ट सीरीज में बहुत कठिनाईयों का सामना करना पड़ा है। भारतीय टीम ने अब तक इंग्लैंड में 17 टेस्ट सीरीज खेली हैं जिसमें से भारत महज 3 ही टेस्ट सीरीज में जीत हासिल हुई है।
जबकि 1 सीरीज को भारत ने ड्रॉ कर दिया था। आज हम आपको भारतीय टीम के एक ऐसे खिलाड़ी के बारे में बताएंगे जो इंग्लैंड में किसी और मकसद से गया था। लेकिन अंग्रेजों की टीमों से 12 टेस्ट खेला था।
दलीप इंग्लैंड पढ़ाई करने के लिए गए थे
आज हम आपको जिस भारतीय खिलाड़ी के बारे में बता रहे हैं उस खिलाड़ी का नाम दलीप सिंहजी है। दलीप सिंहजी का जन्म गुजरात के कठियावाड़ में 13 जून 1905 में हुआ था। दलीप ने अपनी पढ़ार्ई की शुरूआत राजकोट के राजकुमार कॉलेज से शुरू की थी।
हालांकि इसके बाद की पढ़ाई के लिए वह इंग्लैंड चले गए थे। दलीप ने इंग्लैंड केशेल्टनहेम कॉलेज में दाखिला ले लिया था। दलीप पढ़ार्ई के साथ-साथ क्रिकेट के भी बड़े दीवाने थे। जिसके कारण जल्द ही वह कॉलेज की टीम का हिस्सा बन गए थे। कॉलेज की टीम के लिए खेलते-खेलते वह इंग्लैंड की काउंटी क्रिकेट में पहुंच गए थे।
दलीप सिंहजी ने तिहरा शतक जड़ा 5 घंटे में
दलीप सिंहजी ने 7 मई 1930 को इंग्लिश घरेलू क्रिकेट टीम ससेक्स की ओर से खेलते हुए नॉर्थेंप्टनशॉयर के खिलाफ 333 रनों की आतिशी पारी खेली थी। जिस समय यह पारी खेली गई उस समय बल्लेबाजों का बल्लेबाजी स्ट्राइक रेट बेहद कम हुआ करता था।
दलीप सिंहजी कभी भी टीम इंडिया के लिए इंटरनेशनल क्रिकेट नहीं खेले, लेकिन बीसीसीआई ने उनके नाम पर एक घरेलू टूर्नामेंट शुरू किया।
जिसे अब भारतीय क्रिकेट फैन्स दलीप ट्रॉफी के नाम से जानते हैं। साल 1959 में उनका निधन हो गया था, जबकि इसके दो साल 1961 में दलीप ट्राफी की शुरूआत की गई थी।