आईपीएल 2019 का फाइनल मैच बीते रविवार चेन्नई सुपर किंग्स और मुंबई इंडियंस के बीच में हुआ। जिसमें मुंबई ने चेन्नई को 1 रन से हरा कर चौथी बार आईपीएल का खिताब अपने नाम किया है। आईपीएल के इतिहास में चेन्नई सुपर किंग्स और मुंबई इंडियंस दो सबसे सफल फ्रेंचाइजी मानी जाती हैं।
मुंबई इंडियंस ने चौथी बार जीती आईपीएल ट्रॉफी
इससे पहले दोनों ही टीमों ने आईपीएल की ट्रॉफी तीन बार जीती हुई थी। आईपीएल की ट्रॉफी चौथी बार जीतने वाली पहली टीम बनने का दोनों ही टीमों के पास शानदार अवसर था जिसमें मुंबई ने बाजी मार कर आईपीएल की ट्रॉफी चौथी बार अपने नाम कर ली।
फाइनल मैच में मुंबई इंडियंस के कप्तान रोहित शर्मा ने टॉस जीता था और पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया था। चेन्नई सुपर किंग्स ने रोहित की टीम को 149 के स्कोर पर ही रोक दिया था। मुबंई इंडियंस ने 20 ओवरों में 149 रन 8 विकेट के नुकसान पर बनाए थे।
चेन्नई सुपर किंग्स को 150 रन का लक्ष्य मिला जिसका पीछा करते हुए चेन्नई को शुरूआत अच्छी मिली। लेकिन मुंबई इंडियंस ने मध्य ओवरों में चेन्नई के कुछ अहम बल्लेबाजों को आउट करके खेल अपनी तरफ मोड़ लिया था।
इस तरह रन आउट हुए एमएस धोनी
सुरेश रैना और अंबाती रायुडू के जल्दी आउट होने की वजह से चेन्नई के कप्तान एमएस धोनी जल्दी बल्लेबाजी करने आ गए थे। चेन्नई की टीम को उस नाजुक समय में अपने कप्तान की जरूरत थी कि वह उन्हें खिताब जीताने में एक बार फिर से तबाड़तोड़ बल्लेबाजी करें।
यहां तक कि फिनिशर एमएस धोनी भी दबाव में आ गए थे क्योंकि वह क्रीज पर रन बनाने के लिए बहुत समय लेते हुए नजर आ रहे थे। मुंबई इंडियंस को पता था कि धोनी में क्षमता है स्कोर बोर्ड को आगे बढ़ाने की इसलिए वह उन्हें जल्द से जल्द आउट करना चाहते थे।
रोहित शर्मा गेंदाबजी के लिए हार्दिक पांड्या को लाए। शेन वॉसन ने गेंद को शॉर्ट फाइन लेग की तरफ खेला। फिर वह सिंगल लेने के लिए दौड़ पड़े लेकिन फाइन लेग पर मलिंगा हिट ने गलत थ्रो करके लांग ऑफ की तरफ फेंक दी। धोनी गलत थ्रो को दूसरे सिंगल के अवसर में लेना चाहा लेकिन वह इसे लेने में नाकाम साबित हुए।
लांग ऑफ में खड़े इशान किशन ने तेजी दिखाई और वह डायरेक्ट हिट करने में सफल रहे। धोनी को यकीन था कि वह क्रीज के अंदर आ गए हैं लेकिन रिप्ले में पता चला कि यह बहुत करीब है। टीवी अंपायर ने इसे अलग-अलग एंगल्स से देखा लेकिन उसमें कुछ भी स्पष्ट नहीं हो रहा था कि धोनी आउट थे या नहीं।
एक एंगल्स से लग रहा था कि बल्ले का कोई भी हिस्सा क्रीज को पार नहीं कर पाया यही वजह थी कि टीवी अंपायर ने फील्डिंग टीम के पक्ष में फैसला किया। यहां तक कि कमेंटेटर्स भी इस निर्णय के बोर में निश्चित नहीं थे। मैच के संदर्भ में यह एक बहुत बड़ा निर्णय था और भारतीय टीम के पूर्व कप्तान के आउट होने या न होने पर बहुत बहस भी हुई।