जोहानिसबर्ग : जीत के अश्वमेधी रथ पर सवार भारतीय टीम कल यहां दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ चौथे वनडे के जरिये सीरीज में ऐतिहासिक जीत दर्ज करने उतरेगी जबकि मेजबान का इरादा प्रतिष्ठा बचाने का होगा। सीरीज में 3-0 की बढत बनाने के बाद भारत को अब दक्षिण अफ्रीकी सरजमीं पर पहली वनडे सीरीज जीतने के लिये सिर्फ एक और जीत की जरूरत है। इससे पहले 2010-11 में महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में उसने 2-1 से बढत बनाई थी लेकिन सीरीज 3-2 से हार गई। भारत ने न्यूलैंड्स में जीत के साथ ही 1992-93 के बाद दक्षिण अफ्रीका में द्विपक्षीय वनडे सीरीज में पहली बार तीन मैच जीते।
अब चौथा मैच जीतकर भारत आईसीसी वनडे रैकिंग में नंबर वन पर अपनी स्थिति पुख्ता करना चाहेगा। तीसरे वनडे से पहले शिखर धवन ने कहा था कि टीम हर मैच जीतना चाहती है और ड्रेसिंग रूम में आत्ममुग्धता का माहौल कतई नहीं है। विराट कोहली ने 34वां वनडे शतक लगाकर मोर्चे से अगुवाई करते हुए टीम को जीत दिलाई। उन्होंने बाद में कहा कि बाकी मैचों में भी इसी आक्रामकता को बरकरार रखेंगे। कुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल मिलकर 30 में से 21 विकेट ले चुके हैं और कोहली के आत्मविश्वास का यह भी कारण है। दक्षिण अफ्रीका ने न्यूलैंड्स पर कलाई के पांच अलग अलग स्पिनरों के साथ अभ्यास किया लेकिन चहल और यादव का सामना नहीं कर सके। दक्षिण अफ्रीका के लिये राहत की बात एबी डिविलियर्स की वापसी है तो बाकी तीन मैच खेलेंगे। ऊंगली की चोट के कारण वह पहले तीन मैच नहीं खेल सके थे।
डिविलियर्स का आज दोपहर फिटनेस टेस्ट होगा और उनकी उपलब्धता के बारे में तभी फैसला लिया जायेगा। यदि वह खेलते हैं तो तीसरे नंबर पर उतरेंगे और जेपी डुमिनी चौथे नंबर पर खिसक जायेंगे । ऐसे में डेविड मिलर या खाया जोंडो में से एक को बाहर रहना होगा। एडेन मार्करेम टीम की कप्तानी करते रहेंगे। यह पिंक वनडे होगा जो स्तन कैंसर के लिये जागरूकता जगाने के मकसद से खेला जा रहा है। पहली बार इसका आयोजन 2011 में हुआ और छठी बार खेला जा रहा है। दक्षिण अफ्रीका ने पिंक जर्सी में खेलते हुए एक भी मैच नहीं गंवाया है। डिविलियर्स ने 2015 में वेस्टइंडीज के खिलाफ 44 गेंद में 149 रन बनाये थे। इससे पहले 2013 में भारत के खिलाफ 47 गेंदों में 77 रन बनाये थे।
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