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कैरेबियाई परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं रसेल और गेल

‘डेथ ओवर’ में कातिलाना बल्लेबाजी करने वाले आंद्रे रसेल ने बेंगलुरु को उसी के घर पर जैसा सबक सिखाया, ऐसी कल्पना शायद ही किसी ने की होगी।

नई दिल्ली : ‘डेथ ओवर’ में कातिलाना बल्लेबाजी करने वाले कोलकाता नाइट राइडर्स के आंद्रे रसेल ने बेंगलुरु को उसी के घर पर जैसा सबक सिखाया, ऐसी कल्पना शायद ही किसी ने की होगी। 13 गेंदों पर सात छक्के और एक चौका जमाकर रसेल ने ना सिर्फ़ अपनी टीम को जीत दिलाई अपितु एक ऐसी पारी भी खेली जिसकी चर्चा हर किसी की ज़ुबान पर है।

आंद्रे रसेल वेस्टइंडीज के अकेले ऐसे बल्लेबाज नहीं जोकि असंभव लगने वाले लक्ष्य को बेहद आसान बना देते हैं। इस परंपरा की शुरुआत महान विव रिचर्ड्स से हुई, जिन्होने तीस-चालीस साल पहले गेंदबाज़ों में आतंक फैलाने का काम अंजाम दिया। आज उस परंपरा को क्रिस गेल, पोलार्ड, ब्राबो, रसेल, सुनील नारायण आदि बल्लेबाज बखूबी आगे बढ़ा रहे हैं। भले ही क्रिस गेल आईपीएल नीलामी मे अपने कद के हिसाब से भारी भरकम रकम हासिल नहीं कर पाए पर दुनियाभर के उनके प्रशंसक एकबार फिर अपने चहेते धुरंधर बल्लेबाज से छक्कों की बरसात की उम्मीद कर रहे हैं।

जहाँ एक ओर कई क्रिकेटर आईपीएल मे 200 छक्के पूरे करने के लिए एक दूसरे से होड़ कर रहे हैं तो क्रिस गेल तीन सौ का आँकड़ा पार कर चुके हैं। वेस्टइंडीज का यह धाँसू बल्लेबाज अन्य अग्रणी बल्लेबाज़ों से इतना आगे निकल गया हैं कि कोई और उन्हें शायद ही छू पाए। इसमे दो राय नहीं कि किंग्स इलेवन पंजाब एक बार फिर गेल से बहुत अधिक की उम्मीद कर रही है। गेल और रसेल पर दुनियाँभर के क्रिकेट प्रेमियों की नज़रें टिकी हैं तो कुछ अन्य बल्लेबाज भी गेंदबाज़ों का आँकड़ा बिगाड़ने के लिए अपने अपने बल्ले पैने कर रहे हैं। जहाँ एक ओर पूर्व कप्तान एमएस धोनी, रोहित शर्मा और सुरेश रैना मे छक्कों की होड़ मे आगे बढ़ने की प्रतिस्पर्धा चल रही है तो शेन वाटसन, विराट कोहली, डेविड वार्नर आदि विस्फोटक बल्लेबाज रनों की दौड़ मे शामिल हैं।

लेकिन जो काम वेस्ट इंडीज के बल्लेबाज अंजाम देते हैं औरों से ऐसे करिश्मे की उम्मीद कम ही रहती है। लेकिन यही आक्रामकता और विध्वंशक बल्लेबाजी वेस्ट इंडीज की क्रिकेट को कमजोर कर रही है। क्लाइव लायड से ब्रायन लारा तक क्रिकेट जगत पर राज करने वाली कैरेबियन क्रिकेट अब धूम-धड़ाके मे फँस कर रह गई है। उसके अधिकांश खिलाड़ी भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, दक्षिण अफ्रीका और अफ़ग़ानिस्तान में टी 20 लीग मे खेल कर लाखों कमा रहे हैं। लेकिन देश के लिए खेलने से या तो कतराते हैं या अपना श्रेष्ठ नहीं दे पाते। इतना तय है कि ताबड़ तोड़ क्रिकेट मे उनकी बड़ी माँग है और हाथों हाथ बिक रहे हैं। फिलहाल रसेल की बल्लेबाजी चर्चा मे है और शायद कोई हमवतन बल्लेबाज ही उनके करिश्मे को छोटा कर दिखाएगा, क्योंकि गेंदबाज़ों के कातिल तो वेस्टइंडीज मे ही पैदा होते हैं।

(राजेंद्र सजवान)

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