नई दिल्ली : बंगाल क्रिकेट संघ के अध्यक्ष और दिल्ली कैपिटल्स के सलाहकार सौरव गांगुली ने बीसीसीआई लोकपाल और नैतिकता अधिकारी डी के जैन को जवाब भेजकर स्पष्ट किया है कि उनकी दोहरी भूमिका में हितों का टकराव नहीं है जैसा तीन क्रिकेटप्रेमियों ने आरोप लगाया था। बीसीसीआई लोकपाल ने सौरव गांगुली को हितों के टकराव मसले पर अपना पक्ष स्पष्ट करने को कहा था। वह दिल्ली कैपिटल्स के सलाहकार होने के साथ कैब अध्यक्ष भी हैं।
गांगुली ने कहा कि उन्होंने जस्टिस जैन को अपना जवाब छह अप्रैल को भेज दिया है। पत्र में कहा गया कि दिल्ली कैपिटल्स के साथ मेरी भूमिका के कारण बीसीसीआई के संविधान के दायरे में कोई हितों का टकराव या व्यावसायिक टकराव नहीं है। उन्होंने कहा कि वह किसी ऐसी समिति के सदस्य नहीं है जो मौजूदा इंडियन प्रीमियर लीग का संगठन देख रही है। गांगुली ने कहा कि मैं ऐसे किसी पद पर नहीं हूं। मैं ना तो बीसीसीआई की शीर्ष परिषद में हूं और न ही बीसीसीआई द्वारा उसके संविधान के तहत गठित किसी क्रिकेट समिति का सदस्य हूं।
उन्होंने कहा कि मैं किसी समिति का सदस्य होने के नाते या आईपीएल के संबंध में बीसीसीआई द्वारा गठित किसी संगठनात्मक ईकाई का सदस्य होने के नाते आईपीएल प्रशासन, प्रबंधन या उसके संचालन से नहीं जुड़ा हूं। उन्होंने कहा कि पहले मैं बीसीसीआई तकनीकी समिति, आईपीएल तकनीकी समिति और आईपीएल संचालन परिषद का हिस्सा था। मैने सभी से इस्तीफा दे दिया है।