भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और बल्लेबाज Sunil Gavaskar को ऐसा लगता है कि विराट कोहली को इंग्लैंड के खिलाफ पांच टेस्ट मैचों की सीरीज में जो 1-4 से करारी हार मिली है उसमें अभी उन्हें तकनीकी पहलुओं के बारे में और बहुत कुछ सीखने की जरूरत है।
विराट कोहली को अभी बहुत कुछ सीखने की जरूरत है
Sunil Gavaskar ने अपने हाल ही में दिए अपने एक इंटरव्यू में कहा, ‘‘उसे (विराट) को अभी काफी कुछ सीखने की जरूरत है। जैसे कि हमने पहले दक्षिण अफ्रीका में देखा और अब इंग्लैंड में भी, ऐसे कुछ मौके आये जब उसके द्वारा सजाये गये क्षेत्ररक्षण या समय पर गेंदबाजी में बदलाव से काफी बड़ा अंतर आ सकता था। फिर से इसकी कमी दिखायी दी। उसने जब से कप्तानी संभाली है, तब से दो साल (उसने चार साल पहले कप्तानी संभाली थी) ही हुए हैं, इसलिये कभी कभार अनुभव की कमी दिखायी देती है।’’
रिपोर्टर का यह सवाल पूछना ही गलत था
हाल ही में लिटिल मास्टर ने कोहली की एक रिपोर्टर के सवाल पर प्रतिक्रिया को तवज्जो नहीं दी है जिसमें एक पत्रकार ने पूछा था कि क्या वह कोच रवि शास्त्री के उस बयान से सहमत हैं जिसमें उन्होंने कहा था कि यह पिछले 15 साल में विदेश का दौरा करने वाली सर्वश्रेष्ठ टीम हैं।
यह पूछने पर कि क्या पत्रकार द्वारा पूछा गया यह सवाल ‘जायज’ था तो गावस्कर ने कहा कि उन्हें लगता है कि इसे पूछने का समय गलत था। Sunil Gavaskar ने आगे कहा, ‘‘उससे यह सवाल पूछने का समय गलत था। वह (विराट) हार से काफी आहत होगा। हो सकता है कि पत्रकार का यह सवाल पूछना जायज हो लेकिन मुझे नहीं लगता कि कोई भी कप्तान यह कहेगा कि ‘तुम सही हो, लेकिन हम गलत हैं।’’
इस सीरीज के हारने से काफी आहत होगें विराट कोहली
Sunil Gavaskar ने आगे गावस्कर ने कहा, ‘‘उसकी टीम 1-3 से पिछड़ रही थी और शायद वह इस सीरीज का अंत जीत से करना चाहता था।मुझे नहीं लगता कि हमें विराट की प्रतिक्रिया को भी ज्यादा तवज्जो देनी चाहिए। यह स्पष्ट था कि जो कुछ भी हुआ, उससे कप्तान निराश था और शायद उसने उसी लहजे में जवाब दिया।’’
कोच रवि शास्त्री की मंशा यह नहीं थी
उन्हें यह भी लगता है कि मुख्य कोच शास्त्री का इरादा बीते समय की टीमों को तिरस्कृत करने का नहीं था, बस अपने खिलाड़ियों से बात करने के लिये ऐसा किया गया था।
Sunil Gavaskar ने कहा, ‘‘ईमानदारी से कहूं तो, रवि (शास्त्री) ने ऐसा कहा होगा (पिछले 15 साल में दौरा करने वाली सर्वश्रेष्ठ टीम) ताकि टीम का मनोबल बढ़ सके। मुझे नहीं लगता कि वह पिछली टीमों को बेकार बताने की कोशिश कर रहे थे। मेरा मानना है कि कोच की मंशा यह नहीं थी।’’