भारत और इंग्लैंड के बीच में चौथा टेस्ट खेला गया जिसमें भारत को 60 रनों से करारी हार मिली है। इस हार के साथ ही भारतीय टीम यह सीरीज भी हार चुके हैं। भारतीय टीम भले ही मैच और सीरीज हार गई हो लेकिन कप्तान विराट कोहली ने अपने नाम एक और कारनामा दर्ज कर लिया है।
विराट कोहली ने दर्ज किया अपने नाम यह नया रिकॉर्ड
विराट कोहली ने पूरी कोशिश की थी कि इस मैच में वह टीम काो जीतने दिलाने वाली पारी खेलें। विराट कोहली ने चौथे मैच की दूसरी पारी में 130 गेंदों में 58 रनों की पारी खेली। विराट कोहली अपनी पारी की वजह से भारत को जीताने में नाकाम रहे। लेकिन विराट कोहली ने अपने नाम कई रिकॉर्ड दर्ज किए हैं।
बता दें कि विराट कोहली ने इस पारी के दौरान एक कप्तान केरुप में 4000 टेस्ट रन पूरे किए हैं। बता दें कि विराट ने यह कारनामा 39 टेस्ट की 65 पारियों में पूरा किया है।
इन दिग्गज खिलाडिय़ों को पीछे छोड़ा विराट कोहली ने
बता दें विराट कोहली से पहले कप्तान के रुप में सबसे तेज 4000 रन का रिकॉर्ड वेस्टइंडीज के दिग्गज बल्लेबाज ब्रायन लारा ने किया था। लारा ने यह कारनामा 71 पारियों में पूरा किया था तो वहीं रिकी पोंटिंग ने 75, ग्रेग चैपल ने 80, एलन बॉर्डर ने 83 और एलिस्टर कुक ने 90 पारियों में यह आंकड़ा छुआ था।
4000 टेस्ट रन पूरे करने वाले पहले भारतीय कप्तान बने विराट कोहली
बता दें कि कप्तान के रुप में विराट कोहली 4000 रन बनाने वाले पहले भारतीय कप्तान बन गए हैं। विराट ने अब तक कप्तान के तौर पर 66.66 की औसत से रन बनाए हैं। विराट कोहली ने इस दौरान 16 शतक बनाए हैं।
साल 2014 से विराट कोहली ने निराशा को पीछे छोड़कर अभी मौजूदा इंग्लैंड दौरे पर 544 रन बना चुके हैं। इंग्लैंड के विरुद्ध उसके घरेलू जमीन पर ऐसा करने वाले वह ना केवल भारत के बल्कि पहले एशियाई कप्तान भी बन गए हैं।
इंग्लैंड केइस दौरे पर विराट कोहली ने बनाए 692 रन
विराट कोहली का बल्ला साल 2014-15 के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भी आग उगल चुका है। उस दौरे पर विराट ने 692 रन ठोके थे। लेकिन उस दौरे पर उन्होंने सभी टेस्ट कप्तानी नहीं की थी। विराट भारत के पहले ऐसे कप्तान है जिन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू और उसके घर में भी एक सीरीज में 500 से ज्यादा रन बनाए हैं।
विराट कोहली ने इसके साथ ही इंग्लैंड सीरीज में 500 से ज्यादा रन बनाने वाले वह तीसरे भारतीय बल्लेबाज है। उनसे पहले राहुल द्रविड़ ने 2002 में और सुनील गावस्कर ने साल 1979 में यह कारनामा किया था।