दोस्त ने 4 साथियों के साथ मिलकर किया गैंगरेप, परिजन ने पुलिस पर लगाए आरोप
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से एक हैवानियत का मामला सामने आया है। थाना ठाकुरगंज के अंदर आने वाले एक इलाके की नाबालिक लड़की के साथ दुष्कर्म की घटना हुई है। हैरानी की बात यह है कि पुलिस ने मामले को तीन दिन तक दबाए रखा। मामले के तूल पकड़ने के बाद पुलिस ने आनन-फानन में रिपोर्ट दर्ज कर पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भे दिया है। जानकारी के मुताबिक पीड़िता का दोस्त हिमांशु सोनी उसे अपने साथ बहला फुसलाकर साजिश के तहत अपने साथ ले गया। इसके बाद एक गैराज के कमरे में आरोपी अनिल, वाहिद, समीर, साहिल और हिमांशु ने मिलकर उसके साथ गैंगरेप की घटना को अंजाम दिया।
आरोपी वारदात को अंजाम देने के बाद पीड़िता को छोड़कर आरोपी फरार हो गए। घटना के बाद पीड़िता ने अपने परिजनों को दुष्कर्म की आपबीती बताई, जिसके बाद परिजनों ने पुलिस से संपर्क किया। लेकिन परिजनों ने आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस 3 दिनों तक वारदात को दबाने में लगी रही। परिवार वालों ने पुलिस पर केस दर्ज नहीं करने का आरोप लगाया। मामले के तूल पकड़ने के बाद पुलिस ने पीड़िता की मां की शिकायत पर पांच नामजद लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया। पुलिस ने मामले को संज्ञान में लेते हुए पॉक्सो एक्ट की कार्यवाई करते हुए आईपीसी की धारा 376 (डी), 323, 342, 504 और 506 के तहत मुकदमा दर्ज कर सभी पांचों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया और सभी को जेल भी भेज दिया है।
पीड़िता के भाई ने लगाई इंसाफ की गुहार
इस मामले पर पीड़िता के भाई ने बताया कि करीब 9 लोगों ने मिलकर उसकी बहन के साथ गैंगरेप किया है। उसने पुलिस पर भी आरोप लगाया कि उसने पुलिस को इसकी सूचना दी, तो पुलिस ने दो लोगों को इस मामले में पूछताछ करके छोड़ दिया था। फिर तीन दिन बाद कार्यवाई शुरू की पीड़िता के भाई ने इंसाफ की गुहार लगाई है। इतना ही नहीं पीड़िता की बहन का कहना है कि ठाकुरगंज पुलिस उल्टा नाबालिक पीड़िता के घरवालों पर दबाव बनाकर परिवार वालो पर एप्लीकेशन वापस लेने को कह रही थी। पीड़िता की बहन के अनुसार, परिजनों पर जोर जबरदस्ती करके सुलहनामा कराने को कहा गया।
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