विदेश से फोन कर पत्नी को दिया तीन तलाक, मामा के बेटे से कराया हलाला, पीड़ित महिला की दर्दनाक कहानी

विदेश से फोन कर पत्नी को दिया तीन तलाक, मामा के बेटे से कराया हलाला, पीड़ित महिला की दर्दनाक कहानी
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UP News: उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर से तीन तलाक और हलाला का सनसनीखेज मामला सामने आया है। पीड़ित महिला कि शिकायत पर पुलिस ने मामले की जांच शुरू की। पीड़ित महिला ने एसएसपी ऑफिस पहुंच कर मामले की शिकायत दर्ज करवाई। पुलिस ने बातचीत के बाद पीड़ित महिला ने बताया कि उसके पति नसीम ने मामूली बात पर कुवैत से फोन पर तीन तलाक देकर उसे खुद से जुदा कर दिया था। जिसके बाद से महिला अपने मायके में रह थी। पीड़िता ने एसएसपी को प्रार्थना-पत्र देकर कार्रवाई की मांग की है। पीड़िता महिला का आरोप है कि उसका पति तीन महीने पहले विदेश से आया। अपने साथ रखने के लिए मामा के लड़के शाहरूम के साथ उसका जबरन हलाला भी कराया। जिसके बावजूद उसके ससुराल वालों ने उसे घर में रहने नही दिया।

महिला का निकाह 15 वर्ष पूर्व चरथावल थाना क्षेत्र के पावटी गांव के निवासी वसीम पुत्र नसीम के साथ हुआ था। निकाह के बाद पीड़िता महिला के तीन बच्चे भी हैं। ससुरालवालों और पति से परेशान होकर महिला ने एसएसपी से शिकायत कर न्याय की गुहार लगाई है। पुलिस ने मामले का संज्ञान लेते हुए जांच शुरू कर दी है।

क्या होता है हलाला

तीन तलाक के बाद पति-पत्‍नी में सुलह हो जाने पर भी वे एक साथ नहीं रह सकते। दुबारा उसी पति के साथ रहने के लिए पत्‍नी को किसी दूसरे मर्द से निकाह कर शारीरिक संबंध बनाने होते हैं। और फिर यदि वो 'खुला' या तलाक़ के ज़रिए अलग हो जाते हैं तो वो अपने पहले पति से दोबारा शादी कर सकती है. इसी को हलाला कहा जाता है।

क्या होता है तीन तलाक

मुस्लिम कानून के तहत, तीन तलाक का मतलब यह होता है कि यदि विवाह के रिश्ते से तुरंत मुक्ति पाने के लिए पुरुष केवल तीन बार 'तलाक' शब्द बोलकर अपनी शादी को खत्म कर देता है। इस तत्काल प्रक्रिया को तीन तलाक कहा जाता है, जिसे 'तलाक-ए-बिद्दत' भी कहा जाता है।

जानिए कब भारत में खत्म हुआ तीन तलाक

भारत में तीन तलाक कानून 19 सितंबर 2018 से लागू हुआ। इस कानून के तहत तीन तलाक बोलना गैरकानूनी कर दिया गया। कोई भी मुस्लिम शख्स अपनी पत्नी को एक बार में तीन तलाक नहीं दे सकता। पुलिस बिना वारंट के आरोपी को गिरफ्तार कर सकती है। तीन तलाक देने वाले दोषी पुरुष को 3 साल तक की सजा हो सकती है। इसके साथ ही पीड़ित महिला अपने और अपने नाबालिग बच्चे के लिए गुजारा भत्ता भी मांग सकती है।

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