सागर हत्याकांड मामले में दिल्ली पुलिस ने रोहिणी कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की है। चार्जशीट में पुलिस ने पहलवान सुशील कुमार को मुख्य आरोपी बनाते हुए कई हैरान करने वाले खुलासे किए। चार्जशीट के अनुसार, सुशील कुमार और उसके साथियों ने छत्रसाल स्टेडियम का दरवाजा अंदर से बंद करने के बाद सागर और अन्य को डंडों, हॉकी और बेसबॉल की बेट से 30 से 40 मिनट तक पीटा था।
पुलिस ने 1,000 पन्नों की अपनी अंतिम रिपोर्ट में कहा, “स्टेडियम में, सभी पीड़ितों को घेर लिया गया था और सभी आरोपियों ने उन्हें बुरी तरह से पीटा। सभी पीड़ितों को ‘लाठी’, ‘डंडों’, हॉकी, बेसबॉल के बल्लों आदि से करीब 30 से 40 मिनट तक पीटा गया।” मामले की जांच कर रही अपराध शाखा ने यह भी खुलासा किया कि कुछ आरोपी वहां बंदूक लेकर आए थे और उन्होंने पीड़ितों को गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी थी।
इस बीच, एक पीड़ित मौके से निकलने में कामयाब हो गया और उसने पुलिस को फोन किया जिसके बाद स्थानीय पुलिस एवं पीसीआर वैन के कर्मी स्टेडियम पहुंचे। जांच में सामने आया, “जैसे ही आरोपियों ने पुलिस सायरन सुना, वे मृतक सागर और घायल सोनू को स्टेडियम के भूमिगत स्थान पर ले गए। आरोपियों ने दोनों पीड़ितों को घायल अवस्था में वहां छोड़ा और मौके से फरार हो गए।”
पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक, धनखड़ की मौत का कारण “भोथरी वस्तु के हमले से मस्तिष्क को पहुंची चोट” थी। सुशील कुमार और उसके साथियों के पास से पांच वाहनों को जब्त किया गया। एक वाहन की पिछली सीट से एक डबल बैरल बंदूक और पांच जिंदा कारतूस भी बरामद किए गए। सोमवार को, अपराध शाखा ने हत्या के मामले में कुमार और 12 अन्य के खिलाफ चार्जशीट दायर किया जिसमें इसने ओलंपिक पदक विजेता पहलवान को मुख्य आरोपी नामजद किया है।
चार्जशीट में, पुलिस ने मृतक का मौत के वक्त दिया जुबानी बयान, आरोपी की मौजूदगी वाली जगह, सीसीटीवी फुटेज और मौके से बरामद वाहनों समेत वैज्ञानिक साक्ष्यों का सहारा लिया है। भारतीय दंड संहिता की 22 धाराओं के तहत आरोपियों पर मुकदमा चलाने का अनुरोध करते हुए इसमें कहा गया, “जांच के दौरान अब तक एकत्र की गई सामग्रियों जिनका ऊपर उल्लेख किया गया है, उससे सभी आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य हैं।”
चार्जशीट में अभियोजन पक्ष के 155 गवाहों के नाम का उल्लेख है, जिनमें वे चार लोग भी शामिल हैं जो इस विवाद के दौरान घायल हो गए थे। दिल्ली पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ हत्या, हत्या के प्रयास, गैर इरादतन हत्या, आपराधिक साजिश, अपहरण, डकैती, दंगा जैसे अपराधों के लिए प्राथमिकी दर्ज की थी।