नई दिल्ली : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को राजघाट कलस्टर बस डिपो से 100 नई अल्ट्रा माॅर्डन बसों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह नई बसें दिल्ली के 12 रूटों पर संचालित की जाएंगी। इन बसों में हाइड्रोलिक लिफ्ट, पैनिक बटन, सीसीटीवी व जीपीएस समेत सभी आधुनिकतम सुविधाएं उपलब्ध हैं। केजरीवाल ने कहा कि पिछले चार माह में बेड़े में अब 529 नई बसें शामिल हो गई हैं।
इससे दिल्ली की सार्वजनिक यातायात व्यवस्था को सुदृढ करने में बहुत मदद मिल रही है। मुख्यमंत्री केजरीवाल ने इस मौके पर कहा कि आज 100 और बसों को डीटीसी के बेड़े में शामिल कर लिया गया है। दिल्ली के निवासियों को सरकार की तरफ से हर सप्ताह खुशखबरी मिल रही है। लोगों की सहूलियत के मद्देनजर बहुत सारी बसें खरीदी जा रही हैं। अगले तीन-चार महीने में और बसें आने वाली हैं।
कई सालों से दिल्ली में बसों की जो कमी महसूस की जा रही थी। वह कमी अब पूरी हो जाएगी। अब लोगों को बस की किल्लत नहीं झेलनी पड़ेगी। अब लोगों को हर जगह कम समय में बसें मिला करेंगी। हमारा मकसद है कि दिल्ली की यातायात व्यवस्था को बहुत ही आधुनिक बनाया जाए। लोगों के लिए बस का सफर आरामदेह बनाया जाए। उसी दिशा में यह सारी बसें खरीदी जा रही हैं। दिल्ली के लोगों को इसके लिए आज मैं बधाई देता हूं।
नियमित रूप से नई बसें मिलती रहेंगी : गहलोत
परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने इस मौके पर कहा कि आज हमें 100 नई अल्ट्रा मॉडर्न बसें मिली हैं, जो सीसीटीवी, जीपीएस, पैनिक बटन और हाइड्रोलिक लिफ्ट के साथ अन्य सुविधाओं से सुसज्जित हैं। नई बसों में तीन सीसीटीवी हैं। हर वैकल्पिक सीट पर एक पैनिक बटन है और अगर एक पैनिक बटन दबाया जाता है तो एक बड़ा हूटर कमांड सेंटर को सक्रिय करता है। अब दिल्ली की हर बस में मार्शल हैं। दिल्ली को नियमित रूप से नई बसें मिलती रहेंगी।
300 इलेक्ट्रिक बसों के लिए टेंडर प्रक्रिया प्रारंभ
दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) 300 इलेक्ट्रिक बसों की खरीद के लिए टेंडर जारी कर दिया गया है। ये 1,000 क्लस्टर ई-बसों के अतिरिक्त होंगी, जिन्हें पहले से ही मौजूदा बेड़े में जोड़ा जाना तय है। टेंडर प्रक्रिया जारी है। 1,000 लो-फ्लोर, वातानुकूलित, सीएनजी-रन क्लस्टर बसों के लिए वित्तीय बोली भी खोली गई है।
2019-20 के लिए दिल्ली सरकार के बजट के अनुसार, इस वर्ष लोकसभा चुनाव के लिए आदर्श आचार संहिता सहित विभिन्न कारणों से ई-बस खरीद परियोजना में एक वर्ष से अधिक की देरी हुई। इससे पहले, दिल्ली सरकार ने इस साल 2 मार्च को 385 पूर्ण-इलेक्ट्रिक बसों के पहले बेड़े के लिए निविदाओं को मंजूरी दी थी। निविदाएं 10 मार्च को मंगाई गई थीं, लेकिन मतदान के कारण प्रक्रिया बाधित हो गई थी। अब प्रक्रिया चल रही है।