नई दिल्ली : साउथ एमसीडी द्वारा संचालित 18 स्कूलों को फायर का एनओसी नहीं मिल सका है। हालांकि फायर एनओसी पाने के लिए साउथ एमसीडी शिक्षा विभाग प्रयासरत है। शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक स्कूलों में फायर सुरक्षा के हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। विभाग की मानें तो एक स्कूल ऐसा भी है जिसे फायर की एनओसी नहीं मिल सकती है क्योंकि यह स्कूल पूरी तरह से पोर्टा कैिबन में चल रहा है। साउथ एमसीडी फायर सेफ्टी रिपोर्ट के अनुसार साउथ एमसीडी 431 स्कूलों का संचालन करती है।
इनमें से 362 स्कूलों को एनओसी मिल चुका है। 9 स्कूलों की बिल्डिंग अभी भी निर्माणाधीन है। वहीं, 8 स्कूल ऐसे भी हैं जोकि बेहद पतली गलियों में हैं। जबकि 22 स्कूलों में सिविल और इलेक्ट्रिक वर्क का काम जारी है। जिन 18 स्कूलों को फायर एनओसी नहीं मिला है, उनमें से 6-6 स्कूल वेस्ट और सेंट्रल जोन के हैं। 5 स्कूल साउथ जोन व 1 स्कूल नजफगढ़ जोन का है। साउथ एमसीडी शिक्षा विभाग का कहना है कि इस संबंध में काम और प्रयास दोनों किए जा रहे हैं। बच्चों की सुरक्षा से बढ़कर कुछ भी नहीं है।
हम स्कूलों को फायर सेफ्टी के एंगल से ही तैयार कर रहे हैं ताकि फायर एनओसी सर्टिफिकेट मिल सके और बच्चों को पुख्ता सुरक्षा। साउथ एमसीडी द्वारा संचालित 431 स्कूलों में 2 लाख 22 हजार बच्चे पढ़ते हैं। बच्चों की सुरक्षा को पुख्ता करने के लिए 434 सुरक्षा कर्मी (डे-गार्ड) तैनात करने की योजना बनाई गई है। इसमें छोटी बच्चियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए 375 महिला डे-गार्ड को सौंपी जाएगी। इन डे-गार्डों की भर्ती अर्धसैनिक बलों से सेवानिवृत्त कर्मियों और सिविल डिफेंस के माध्यम से की जानी है जो पहले से ही पूर्ण प्रशिक्षित होंगे।