नई दिल्ली : नेता विपक्ष विजेन्द्र गुप्ता ने शुक्रवार को संवाददाता सम्मेलन में जानकारी दी कि आरटीआई के अंतर्गत दिल्ली सरकार द्वारा दी गई नवीनतम सूचना के अनुसार आम आदमी पार्टी सरकार के कार्यकाल में डीटीसी की बसों की संख्या में लगभग 25 फीसद की कमी आई है, 25 प्रतिशत रूटों पर परिचालन बंद हुआ है। यात्रियों की संख्या में 20 प्रतिशत से भी अधिक की गिरावट आई है। यही नहीं अनेक महत्वपूर्ण रूटों से बसों को हटाया गया है।
साथ ही ब्रेक डाउन की घटनाएं बढ़ीे हैं और बसों का कोई टाइम टेबल निर्धारित न होने के कारण आम आदमी की दिक्कतें व परेशानियां दिन-प्रतिदिन बढ़ी हैं। इस मौके पर भाजपा के राष्ट्रीय मंत्री सरदार आरपी सिंह, विधायक जगदीश प्रधान, पूर्व विधायक अनिल बाजपेयी, कर्नल देविन्दर सहरावत, दिल्ली भाजपा के मीडिया सह-प्रभारी नीलकांत बख्शी और मीडिया प्रमुख अशोक गोयल भी उपस्थित थे। विजेन्द्र गुप्ता ने कहा कि गत छह महीनों में 150 बसें महत्वपूर्ण रूटों से हटाई गई हैं। 1200 ट्रिपों में कमी आई है।
उन्होंने सरकार से जवाब मांगा है कि वह यह बताएं कि विभिन्न रूटों से बसों को क्यों हटाया गया और हटाए जाने के बाद कोई वैकल्पिक व्यवस्था क्यों नहीं की गई। उन्होंने कहा कि सरकार की असफलता का अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि डीटीसी में यात्रियों की संख्या में वृद्धि होने की बजाय 20 करोड़ की गिरावट आई है। इसके अतिरिक्त 24 लो-फ्लोर बसें बेड़े से हटाने की कार्रवाई चल रही है।
वर्ष 2015 में जब आम आदमी पार्टी सत्ता में आई थी, तब डीटीसी की पांच हजार से अधिक बसें सड़कों पर चल रही थीं, लेकिन अब डीटीसी के अंतर्गत मात्र 3781 बसें ही चल रही हैं। दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश और आम आदमी पार्टी के 2015 के चुनावी वायदे के मुकाबले एक तिहाई बसें ही सड़कों पर हैं। इससे सरकार की विफलता का अंदाजा भलीभांति लगाया जा सकता है। नेता विपक्ष ने कहा कि यह चिंता का विषय है कि गत पांच वर्षों में जहां दिल्ली निवासियों की सार्वजनिक परिवहन के लिए आवश्यकताएं लगातार बढ़ती गईं, वहीं दूसरी ओर डीटीसी की सेवाओं में निरंतर गिरावट आती गई।
उन्होंने सरकार से मांग करी कि इन रूटों को पुनः चालू किया जाए नहीं तो भाजपा शीघ्र ही संबंधित रूटों पर प्रदर्शन कर सरकार को पुनः रूट चालू करने के लिये मजबूर करेगी। हाल ही में मायापुरी डिपो, हरिनगर डिपो-।, रोहिणी डिपो, एसबीपीएल तथा एसबीडी डिपो से अनेक रूटों को प्रभावित करती हुई 80 बसों को हटा लिया है। एक बस औसतन लगभग 8 ट्रिप प्रतिदिन करती है। इस प्रकार लगभग 640 ट्रिप कम हो गये।