तिहाड़ जेल के 28 अधिकारियों को ‘यूनिटेक’ के पूर्व प्रमोटर अजय चंद्रा और संजय चंद्रा के साथ मिलीभगत करना भारी पड़ गया। दिल्ली कारागार विभाग ने इस सम्बन्ध में तिहाड़ जेल के 28 अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। वहीं दो अन्य अधिकारियों को दिल्ली सरकार द्वारा निलंबित किया जाएगा।
दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच ने ‘यूनिटेक’ के पूर्व प्रमोटरों के साथ मिलीभगत पाए जाने के बाद मंगलवार को 32 अधिकारियों के खिलाफ एक मामला दर्ज किया था। भ्रष्टाचार रोधी अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की गई।
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना की रिपोर्ट के आधार पर, छह अक्टूबर को तिहाड़ जेल के छह अधिकारियों को निलंबित करने, उनके खिलाफ मामला दर्ज करने और उनकी संजय तथा अजय चंद्रा के साथ संलिप्तता की पूर्ण जांच करने के निर्देश दिए थे।
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया था कि तिहाड़ जेल के अधिकारी, जो प्रथम दृष्टया जांच के दौरान संलिप्त पाए गए हैं, उन्हें निलंबित किया जाना चाहिए और केंद्रीय गृह मंत्रालय को उन सुझावों का जवाब देने का निर्देश दिया जो अस्थाना की रिपोर्ट में दिए गए हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद चंद्रा बंधुओं को तिहाड़ जेल से मुंबई की आर्थर रोड जेल और तलोजा सेंट्रल जेल भेज दिया गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि संजय चंद्रा और अजय चंद्रा के आचरण, और आदेशों की धज्जियां उड़ाने तथा कोर्ट के अधिकार क्षेत्र को कमजोर करने के लिए तिहाड़ जेल के अधिकारियों के साथ साठगांठ करने से जुड़ी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की दो रिपोर्ट, कुछ ‘‘गंभीर और चौंकाने’’ वाले मुद्दों पर प्रकाश डालती हैं।