नई दिल्ली : दिल्ली के सरकारी स्कूलों में इस साल के अंत तक कक्षाओं की संख्या दो गुने से अधिक हो जाएगी। साथ ही कक्षाओं की स्थिति भी पहले से काफी बेहतर हो गई है। दिल्ली सरकार ने पिछले चार साल से शिक्षा को प्राथमिकता दे रही है। यही कारण है कि कुल बजट का लगभग एक चौथाई हिस्सा शिक्षा को आवंटित किया जा रहा है।
इस संबंध में शिक्षा विभाग के वरिष्ट अधिकारी ने बताया कि दिल्ली सरकार के स्कूलों में 16 लाख से अधिक बच्चे पढ़ते हैं। इनमें से अधिकतर बच्चों के पास बैठने के लिए कमरे नहीं थे, जिस कारण इन्हें खुले में बैठकर या एक ही कक्षाओं में 150 तक बच्चों को बैठना पड़ रहा था। इसे देखते हुए दिल्ली सरकार ने अतिरिक्त कक्षाओं को बनाने का फैसला लिया। वर्ष 2015 में कमरों की संख्या बढ़ाने का प्रस्ताव पास हुआ और लगभग आठ हजार नए कमरे बनाए गए।
उन्होंने कहा कि 11 हजार कमरे बनाने का काम जल्द शुरू होगा और जल्द ही एक हजार और कमरे के लिए टेंडर जारी कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि वर्ष 2015 से अबतक 20 हजार कमरने बनाने की दिशा में काम किया गया है जिसमें से आठ हजार बनकर तैयार हैं।
37 हजार हो जाएंगे कमरे : सिसोदिया… दिल्ली के उपमुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने ट्वीट कर कहा कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों में इस तरह के 8 हजार से ज्यादा नए क्लासरूम बनाए जा चुके हैं, 11 हजार का निर्माण शुरू हो रहा है और एक हजार के लिए टेंडर किए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि 2015 में सरकारी स्कूलों में कुल 17 हजार टूटे-फूटे कमरे थे। अब शानदार 25 हजार कमरे हैं जो इस साल के अंत तक 37 हजार हो जाएंगे। दिल्ली के सरकारी स्कूलों में नए कमरे बनाने का कार्य 28 जनवरी से शुरू होगा।
इस संबंध में लोक निर्माण विभाग के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि विभाग द्वारा बनाए जा रहे 11 हजार कमरे का कार्य का शिलान्यास मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल 28 जनवरी को फ्रेंड्स कॉलोनी में करेंगे। उन्होंने बताया कि इन 11 हजार कमरों को बनाने का काम एक साल में पूरा कर लिया जाएगा।