नई दिल्ली : छुट्टी के दिन 47 हजार से ज्यादा दर्शक 39वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला देखने के लिए पहुंचे वहीं शनिवार को 42 हजार दर्शकों ने एंट्री ली थी। इन दोनों दिनों में भारी भीड़ देखी गई। स्थिति यह बनी कि हॉल नंबर-12 से लेकर हॉल नंबर-7 के अंदर बने सभी पवेलियन हाउसफुल रहे।
बैठना तो दूर की बात पैदल चलना भी दर्शकों के लिए दूभर हो गया था। हालांकि सबसे ज्यादा परेशानी उन दर्शकों को हुई जिन्हें मेले के लिए मेट्रो स्टेशन से टिकट नहीं मिल सका। मालूम हो कि रविवार के लिए महज 60 फीसदी टिकट बचे थे। जिसे खरीदने के लिए सुबह से ही 66 मेट्रो स्टेशनों पर भारी भीड़ दिखी।
इन टिकटों की बिक्री 11 बजे से पहले ही हो गई। वहीं, दोपहर बाद पहुंचे दर्शकों को जब टिकट नहीं मिला तो वह निराश होकर वापस ही लौट गए। मेले में लोगों ने जरूरतों के हिसाब से जमकर खरीदारी की और मेले का लुत्फ भी उठाया।
सुरक्षा के नहीं थे पुख्ते इंतजाम
इस बार 39वें अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में सुरक्षा के पुख्ते इंतजाम नहीं होने की वजह से यहां आने वाले दर्शकों की जमकर जेब कटी। ऐसे में जो दर्शक पूरी योजना के साथ ट्रेड फेयर में खरीदारी, मौज मस्ती और खाना पीने के अरमानों के साथ आए थे उनके अरमानों पर जेबकतरों ने पूरी तरह पानी फेर दिया।
मेले के एंट्री गेट नंबर-10 पर दोपहर करीब एक बजे के बीच एक ही शख्स ने आधे दर्जन से ज्यादा महिलाओं के बैग से फोन निकाल लिया। वहीं हॉल नंबर 12 के ठीक सामने विदेशी पवेलियन में भी सुरक्षा के पुख्ते इंतजाम नहीं होने की वजह से जबतराशों ने कई दर्शकों की जेब ढीली कर दी।
ट्रेड फेयर में नहीं मिली एंट्री तो दिल्ली जू पहुंचे हजारों छात्र
वीकेंड पर 39वें अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में हिस्सा लेने की इच्छा लिए जब स्कूली छात्रों से भरी बस जब प्रगति मैदान पहुंची तो उन्हें यह कहकर एंट्री नहीं दी गई कि यहां पर आज भीड़ बहुत ज्यादा है, कहीं और घूम लीजिए। इसका असर यह हुआ कि स्कूली छात्र प्रगति मैदान से कुछ ही दूरी पर स्थित दिल्ली जू के वन्यजीव को देखने के लिए पहुंच गए।
दिल्ली जू के इतिहास में यह पहली बार रिकॉर्ड दर्ज हुआ कि 15 हजार से ज्यादा स्कूली छात्र पहुंचे। खास बात यह रही कि इन स्कूली छात्रों के साथ भारी संख्या में अन्य दर्शक भी पहुंचे। एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक करीब 25 हजार के करीब पर्यटक पहुंचे हैं।
उन्होंने बताया कि ऐसा कभी नहीं हुआ था कि इतनी संख्या में स्कूली छात्र कभी जू पहुंचे हो। बसों की संख्या इतनी ज्यादा रही कि घंटो तक पार्किंग की सेवा बाधित रही। जिसकी वजह से मथुरा रोड पर जाम की समस्या पैदा हो गई।
जू प्रशासन के लिए बनीं चुनौती, ट्रैफिक पुलिस के जवान भी दिखे मुस्तैद
प्रगति मैदान से यू-टर्न लेकर सभी बसें दिल्ली जू की ओर पहुंचीं। यहां पहले से ही अन्य दर्शकों की लंबी लाइन टिकट लेने के लिए कतार में थी। असर यह हुआ कि कई बसें तो मथुरा रोड पर घंटो जाम में फंसी रहीं। जैसे-तैसे कुछ बसों को जू की पार्किंग में जगह दी गई।
वहीं अन्य को बसों की पार्किंग के लिए दिनभर जू के कर्मचारी जूझते रहे। बताते चले कि जू प्रशासन के पास जू का पार्किंग स्पेस बहुत कम है और इसके अंदर महज एक बार में दर्जन भर बसें ही आ सकती हैं।
जू प्रशासन के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती जू के मैन गेट व मथुरा रोड पर लगने वाला जाम था। जिसे काबू करने के लिए जू के सुरक्षाकर्मी के साथ दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के जवान भी दिन भर जूझते रहे।