पश्चिमी दिल्ली : दिव्य पाठ कोई जादू या चमत्कार नहीं है बल्कि प्रभु कृपा का वह रहस्यमय आलोक है जो सनातन शक्ति और धर्म शास्त्रों में छिपा हुआ है। यह बाते द्वारका में आयोजित प्रभु कृपा दुख निवारण समागम के दौरान ब्रह्मर्षि कुमार स्वामी जी ने कही। उन्होंने कहा कि विश्व के शक्तिशाली देशों अमेरिका और इंग्लैंड ने भी भारत की सनातन-पुरातन शक्ति और आयुर्वेद को मान्यता प्रदान कर दी है। जिन रोगों का इलाज मेडिकल साइंस के पास भी नहीं था वे केवल दिव्य पाठ के 15 मिनट अनुसरण करने से दूर हो रहे हैं। समागम के पहले दिन देश-विदेश से आए श्रद्धालुओं ने स्वामी जी से भगवान शिव का वह आलोक ग्रहण किया जिससे हर प्रकार के असाध्य कष्ट और रोग तत्क्षण समाप्त हो जाते हैं।
समागम में दिव्य पाठ से होने वाले अनुभवों को सुनकर मंच पर उपस्थित डॉक्टर, वैज्ञानिक, बुद्धिजीवी और विशिष्ट अतिथि हैरान थे। स्वामी जी ने कहा कि मैं यहा सिर्फ आपके कष्टों, दुख, समस्याओं और असाध्य रोगों का शास्त्रोक्त विधि से समाधान प्रदान करने आया हूं। आप सभी लोग रोगमुक्त जीवन जीए यही मेरा एक मात्र लक्ष्य है। दिव्य पाठ की शक्तियों का साक्षात्कार विश्व के 50 करोड़ लोग कर रहे हैं। पश्चिमी जगत के जो वैज्ञानिक व बुद्धिजीवी धर्म को नहीं मानते थे वे भी प्रभु कृपा के इस आलोक को सहज ढंग से मान रहे हैं। कुछ समय के पाठ से आप स्वयं देखेंगे कि आपका जीवन कैसे बदल रहा है। आपकी तन-मन की समस्याएं ऐसे दूर हो जाएगी जैसे कि वह थी ही नहीं। प्रभु कृपा का यह आलोक इतना शक्तिशाली है कि कल्पना भी नहीं की जा सकती।
इस मौके पर भगवान श्री लक्ष्मी नारायण धाम के महासचिव गुरुदास ने बताया कि हाल ही संपन्न हुई विश्व जनकल्याण यात्रा के दौरान सद्गुरुदेव जी को अमेरिका की न्यूजर्सी स्टेट सीनेट व जनरल असेंबली ने विशेष प्रस्ताव पास कर सम्मान पत्र प्रदान किया और इनके नाम पर अमेरिका में ‘ब्रह्मर्षि श्री कुमार स्वामी डे’ मनाने की घोषणा की है। इसके अतिरिक्त ब्रिटिश संसद के उच्च सदन हाउस ऑफ लार्ड्स ने भी इनको विशेष रूप से सम्मानित किया है। समागम में यूनाइटेड नेशन वूमने सेल की चेयरपर्सन, यूरोपियन यूनियन कमेटी, इंग्लैंड की चेयरपर्सन एवं हाउस ऑफ लॉर्ड्स की वरिष्ठ सांसद बैरोनेस एस. मुख्य अतिथि के रूप में पधार रही हैं। इसके अलावा सांसद व दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी विशिष्ठ अतिथि के रूप में मौजूद रहेंगे।