नई दिल्ली : बच्चों की सुरक्षा के लिहाज से स्कूल स्टाफ के पुलिस वेरिफिकेशन को दिल्ली सरकार के उपमुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया की तरफ से अनिवार्य किए जाने के बाद पुलिस ने 72 हजार स्कूल स्टाफ को वेरिफाई किया है। इसके साथ ही दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग की तरफ से भी शिक्षकों के अलावा स्कूल के अन्य स्टाफ को भी बच्चों की सुरक्षा के बारे में जागरूक किए जाने की बात की थी।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि उपराज्यपाल की तरफ पुलिस को स्कूल में शिक्षण व गैर शिक्षण कार्यों में मौजूद स्टाफ को वेरिफाई करने के निर्देश दिए थे, जिसके बाद दिल्ली पुलिस की स्पेशल ब्रांच की तरफ से स्कूल स्टाफ को वेरिफाई करने की प्रक्रिया शुरू की गई थी। बता दें कि वर्ष 2017 में गुरुग्राम स्थित स्कूल में बच्चे की हत्या के बाद उपमुख्यमंत्री की तरफ से स्कूल स्टाफ के वेरिफिकेशन को अनिवार्य किया गया था।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि वेरिफिकेशन के लिए आवेदक के रिकार्ड की जांच की जाती है। पुलिस अपने पास मौजूद डाटा में खंगालती है कि आवेदक का कोई पिछला आपराधिक रिकॉर्ड तो नहीं हैं। उन्होंने बताया किपुलिस की तरफ से 72 हजार स्कूल स्टाफ का वेरिफिकेशन किया गया, जिसमें शिक्षण-गैर शिक्षण कार्य में शामिल स्टाफ शामिल था। 16, सितंबर 2017 से वर्ष 2018 के आखिरी महीने तक इन लोगों को वेरिफाई किया गया।
वर्ष 2018 में लगभग 14 हजार आवेदनों को पुलिस ने वेरिफाई किया। वहीं गत वर्ष पुलिस ने पुलिस क्लीरेंस सर्टिफिकेट (पीसीसी) के लिए 2.82 लाख आवेदन आए थे, जिसमें से पुलिस ने 1.79 लाख लोगों को पीसीसी देते हुए 88 हजार लोगों की पीसीसी रद्द कर दी गई है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि वर्ष 2017 में शाहदरा जिले में एक नाबालिग बच्ची के साथ स्कूल में मारपीट की गई थी, जिसको बाद में गिरफ्तार कर लिया गया था।
जांच में सामने आया कि आरोपी का पुलिस वेरिफिकेशन नहीं कराया गया है, जो स्कूली बच्चों को घर से लेने और उन्हें पहुंचाने का काम करता था। वर्ष 2018 के अक्टूबर में शाहबाद डेरी इलाके में एक पांच साल की बच्ची का कैब ड्राइवर ने यौन शोषण किया था। इस मामले में डीसीपीसीआर सूत्रों ने बताया कि स्कूलों को अपने सभी स्टाफ का डाटा बैंक तैयार करना चाहिए, जिसमें स्कूल के स्वीपर से लेकर सिक्योरिटी गार्ड तक की जानकारी हो। डीसीपीसीआर ने 390 केस के एक सर्वे के हवाले से दावा किया कि बच्चों के साथ यौन शोषण के मामले में 43 मामले स्कूल के भीतर सामने आए थे।
– रवि भूषण द्विवेदी