लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

लोकसभा चुनाव पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

डीडीए के पहले ऑनलाइन ड्राॅ से 8438 लोगों को मिला अपना आशियाना

डीडीए के इतिहास की पहली ऑनलाइन हाउसिंग स्कीम के ड्राॅ के नतीजों से डीडीए मुख्यालय विकास सदन में मौजूद कुछ चेहरों पर खुशी तो कुछ पर उदासी दिखाई दी।

नई दिल्ली : दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) के इतिहास की पहली ऑनलाइन हाउसिंग स्कीम के ड्राॅ के नतीजों से डीडीए मुख्यालय विकास सदन में मौजूद कुछ चेहरों पर खुशी तो कुछ पर उदासी दिखाई दी। इस खुशी और गम का लोगों ने इजहार भी अपने-अपने तरीकों से किया। इस दौरान कुछ लोगों को बीस साल के लंबे इंतजार के बाद तो कुछ को पहली बार में ही अपने सपनों का आशियाना मिल गया। 
इस हाउसिंग स्कीम में 18 हजार फ्लैट की योजना के ड्राॅ में शामिल किया गया। जबकि 9562 फ्लैट के लिए आवेदन ही नहीं मिले। जिसके चलते डीडीए ने 10,254 फ्लैट के लिए ही ड्राॅ निकाला। इनमें से 8438 फ्लैट का आवंटन किया गया। दरअसल डीडीए को नरेेला स्थित ईडब्ल्यूएस और एलआईजी फ्लैट के लिए बहुत ही कम आवेदन मिले, जबकि वसंत कुंज के फ्लैट के लिए सबसे ज्यादा आवेदन प्राप्त हुए है। 
डीडीए के अधिकारियों ने बताया कि आवासीय योजना में कम आवेदन मिले, जिसके चलते ड्राॅ में फ्लैटों की संख्या को कम किया गया। इसका कारण एक ही जगह आवंटन करने से मेंटनेंस, सुरक्षा सहित अन्य सुविधा उपलब्ध कराने में आसानी होना है। वहीं, सभी ब्लॉक में आवेदन निकालने से खाली फ्लैटों की संख्या ज्यादा होने से उनकी सुरक्षा को भी खतरा रहता।
नहीं बनेगी मैन्युअल फाइल, ऑनलाइन होगा सारा काम 
इस योजना में फ्लैैट सरेंडर करने से लेकर अलॉटमेंट करने की प्रक्रिया पूरी तरह से पेपर लेस और ई-ऑफिस एप्लीकेशन से संचालित होगी। इस योजना में एक भी मैन्युअल फाइल नहीं बनेगी। दरअसल पहले पेपर जमा करने पर गुम हो जाने पर आवंटियों को डीडीए का चक्कर लगाना पड़ता था और इसका फायदा उठाकर अधिकारी जनता को परेशान करते थे। अब पूरी कार्रवाई ऑनलाइन होने से फ्लैट सरेंडर करने से एक सप्ताह के अंदर आवेदन की राशि रिटर्न होने की सुविधा के साथ पारदर्शिता बढ़ेगी।
योजना में आए 45,012 आवेदन  
डीडीए की आवास योजना 25 मार्च को शुरू की गई। इसमें चार श्रेणियों एमआईजी, एचआईजी, एलआईजी और ईडब्ल्यूएस के लिए आवेदन मांगे थे। इसमें करीब 45,012 आवेदन मिले। इसमें 1550 एमआईजी और 450 एचआईजी के लिए 38147 आवेदन मिले। वहीं, एलआईजी 8300 फ्लैट के लिए करीब 5911 आवेदन और ईडब्ल्यूएस के 7700 फ्लैट के लिए 954 आवेदन मिले। आवेदन की अंतिम तारीख 10 मई थी।
28 आवेदकों ने ड्राॅ से पहले ही मांग लिया रिफंड
इस स्कीम के ड्राॅ से 28 लोगों ने अपना रिफंड मांग लिया। जबकि 12 आवेदक ऐसे निकले जिन्होंने एक ही पैन नंबर से मल्टीपल आवेदन कर रखे थे। स्क्रूटनी के दौरान उनके एक ही आवेदन को वैध मानते हुए कांउट किया गया।
20 साल बाद पूरा हुआ अपने घर का सपना 
डीडीए की हाउस स्कीम द्वारा दुबई में काम करने वाले वेद प्रकाश ठाकुर का 20 साल पुराना सपना पूरा हो गया। नोएडा के रहने वाले वेद प्रकाश ने गत 20 वर्षों के दौरान डीडीए सभी हाउसिंग स्कीमों में आवेदन किया था लेकिन हर बार उन्हें असफलता हाथ लगी। इस बार उन्हें जब किसी ने फोन करके सूचना दी कि उनका वसंतकुंज में एचआईजी फ्लैट निकल गया है। यह सुनकर उन्हें अपने कानों पर विश्वास नहीं हुआ। वेद प्रकाश ने बताया कि उनकी ज्वाइंट फैमिली है और उनके पिता की इच्छा थी कि दिल्ली में अपना एक घर हो, अब यह इच्छा पूरी हो गई।
बिना फ्लैट के निराश लौटे रमेश वधानी
डीडीए मुख्यालय विकास सदन में मंगलवार को हुए ड्रॉ के दौरान सभी आवेदक भाग्यशाली नहीं रहे बल्कि कुछ ऐसे भी रहे जो निराश होकर भी लौटे। वंसतकुंज के किशनगढ़ में रहने वाले रमेश वधानी ने अपनी पत्नि,बेटे और स्वयं नाम से वसंत कुंज में फ्लैट के लिए ऑनलाइन आवेदन किया था पर उनका फ्लैट नहीं निकला। विकास सदन में लगी स्क्रीन पर टकटकी लगाकर बैठे वधानी को उम्मीद थी कि उनके परिवार के किसी सदस्य का नाम सफल अलॉटी की सूची में अवश्य आयेगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
करनाल से आए गौरव दुरेजा भी लौटे खाली हाथ
करनाल निवासी गौरव दुरेजा ने पहली बार डीडीए की हाउसिंग स्कीम में आवेदन किया था। वो अपने परिवार के साथ सुबह 10 बजे ही डीडीए मुख्यालय में आकर बैठ गए थे। उन्होंने पूरी ड्राॅ प्रक्रिया को बड़ी उत्सुकता और बेसब्री के साथ देखा। जैसे-जैसे ड्राॅ प्रक्रिया समाप्त होती गई, उनके दिल की धड़कन बढ़ती गई। ड्राॅ प्रक्रिया समाप्त होने के बाद उन्होंने जब डीडीए की बेबसाइट पर अपना एप्लीकेशन नंबर खोजा तो उनको कहीं अपना नमा नहीं मिला। इससे वे निराश हो गये और करनाल लौट गये।
भरा एचआईजी निकला एलआईजी 
डीडीए हाउसिंग स्कीम के ड्रॉ से कुछ लोग खुश हुए तो कुछ को निराशा हाथ लगी लेकिन कुछ लोगों के साथ ऐसा जिसका उन्होंने अंदाजा नहीं लगाया था। दरअसल, प्रियंका दहिया ने वसंतकुंज में एचआईजी फ्लैट के लिए च्वाइस दी थी लेकिन उन्हें नरेला में एलआईजी फ्लैट मिला। पिता सतबीर दहिया ने बताया कि हमने वसंतकुज में एचआईजी के लिए फार्म भरा था लेकिन नाम आया नरेला एलआईजी के लिए। हमने इसके अलावा कोई च्वाइस नहीं दी थी फिर भी हमें कहीं और फ्लैट आवंटित कर दिया गया।
हटी कान्फ्रेंस रूम में लगी स्क्रीन
आवेदकों सहित अन्य आम लोगों के लिए ड्रॉ की प्रक्रिया एवं नतीजे दिखाने के लिए विकास सदन के कान्फ्रेंस रूम में लगी ड्राॅ के तुरंत बाद यहां से हटा ली गई। जिस पर लोगों ने खासा रोष प्रकट किया।  प्रकाश राजपूत ने बताया कि हम यहां रिजल्ट देखने आए थे लेकिन डीडीए ने प्रक्रिया समाप्त होते ही कान्फ्रेंस रूम में लगी स्क्रीन यहां से हटा दी। हर आवेदक को इंतजार होता है कि ड्राॅ निकलने के बाद वह सबसे पहले अपना नाम देखें, लेकिन डीडीए ने हमें ड्राॅ की प्रक्रिया तो दिखा दी पर जब पूरा रिजल्ट की बारी आई तो स्क्रीन हटा ली गई। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

one × 5 =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।