भोपाल : मध्यप्रदेश के चार जिलों में पहली बार जीका वायरस से पीड़ति मरीजों के मिलने के बाद इसकी रोकथाम के लिए उपाय और तेज कर दिए गए हैं। राज्य में 85 मरीज जीका वायरस से संक्रमित पाए गए हैं। गुजरात, राजस्थान और तमिलनाडु के बाद मध्यप्रदेश में भी जीका वायरस से पीड़ित मरीज मिलने की सूचनाओं के बाद राज्य सरकार भी चौकन्ना हो गयी है। मुख्य सचिव बसंत प्रताप सिंह ने एक उच्च स्तरीय बैठक में इसकी समीक्षा कर आवश्यक निर्देश दिए। स्वास्थ्य विभाग के उप संचालक डॉ हिमांशु जायसवार ने बताया कि इस वायरस से पीड़ित मरीज में वायरल बुखार जैसे लक्षण ही पाए जाते हैं, लेकिन इसके साथ ही उसकी आंखों में लालिमा के साथ संक्रमण हो जाता है।
हालाकि इसका इलाज भी है और उचित उपचार की स्थिति में मरीज एक सप्ताह में ठीक हो जाता है। डॉ जायसवार ने बताया कि भोपाल, सीहोर, विदिशा और सागर जिले में अभी तक जीका वायरस से प्रभावित 85 मरीज मिले हैं। इनमें कुछ गर्भवती महिलाएं भी शामिल हैं। इन सभी का इलाज किया जा रहा है। जीका वायरस फैलने का मुख्य कारण एडीज मच्छर है और प्रभावित इलाकों में मच्छरों और लार्वा नष्ट करने के अभियान पर विशेष जोर दिया जा रहा है। भोपाल डॉ जायसवार का कहना है कि जीका वायरस से संक्रमित दो मरीजों की मौत की बात कही जा रही है, लेकिन उसकी वास्तविक वजह अन्य बीमारी है। दो संबंधित मरीज मधुमेह और अन्य बीमारी से पीड़ित थे और वही उनकी मौत की वजह बनी।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार केंद्र सरकार की टीम ने भी राज्य सरकार की सहायता के लिये डॉ रविन्द्रन की अध्यक्षता में प्रभावित क्षेत्रों का भ्रमण कर जीका वायरस की रोकथाम के लिए योजना बनायी है। योजना के तहत जीका सर्विलांस के लिये भोपाल में 170, विदिशा (सिरोंज) में 40 और सीहोर में 15 टीमों द्वारा घर-घर लार्वा सर्वे, लार्वा नष्ट करने, बुखार के रोगी तथा गर्भवती महिलाओं का चिन्हांकन और जीका वायरस की जांच के लिए सेम्पल लिये गये हैं। इस सर्विलांस का मुख्य उद्देश्य एडीज मच्छर के प्रजनन और संक्रमण को कम करना है।
जीका वायरस प्रभावित क्षेत्रों में क्रमश: सीहोर जिले के आष्टा ब्लॉक के गोपालपुर, चिन्नोटा और हमीदखेड़ ग्राम, विदिशा जिले के सिरोंज ब्लॉक के कल्याणपुर और बीरपुर ग्राम एवं भोपाल शहर के 18 वार्ड में सघन जीका सर्विलेंस कार्रवाई की जा रही है। सागर जिले में भी जीका वायरस का एक पॉजीटिव प्रकरण सामने आने पर वहां भी योजना बनाकर 58 टीमों द्वारा सर्विलांस का कार्य शुरू किया गया है।
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार जीका वायरस से संक्रमित व्यक्ति एक सामान्य बीमारी का शिकार होता है। इसके ट्रांसमिशन को रोकने के लिये विभाग द्वारा सघन गतिविधियां की जा रही हैं। प्रदेश में जीका वायरस बीमारी की जांच के लिए अभी तक भेजे गये 204 सेम्पल में से 85 पॉजीटिव पाये गये हैं। भोपाल जिले से भेजे गये 60 सेम्पल में से 29 पॉजीटिव आये हैं और इनमें से 5 गर्भवती महिलाओं के हैं। जीका वायरस से प्रभावित इन 5 महिलाओं पर खास निगरानी रखी जा रही है।