नई दिल्ली : संसद भवन के सत्र के दौरान उस समय हड़कंप मच गया, जब कार असंतुलित होकर संसद भवन के प्रवेश गेट पर टकरा गई। किसी अनहोनी की आशंका में सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई, जिसके बाद गाड़ी को पूरी तरह से घेर लिया गया था। दुर्घटना इतनी तेज थी कि कार में बैठा गाड़ी का ड्राइवर भी घायल हो गया। गाड़ी पर संसद भवन का पास चिपका हुआ था, लेकिन सुरक्षा एजेंसियों ने किसी भी तरह की लापरवाही नहीं बरती।
पार्लियामेंट की सुरक्षा में तैनात जवानों ने गाड़ी को घेर लिया था, जबकि आसपास मौजूद जवान भी अपनी पोजिशन में आ गए थे। बताया जा रहा है कि संसद भवन परिसर में मंगलवार दोपहर एक सांसद की कार बैरीकेड से टकरा गई। कार मणिपुर से कांग्रेस सांसद डॉ. थोकचाम मेन्या की बताई जा रही है, जो संसद भवन में प्रवेश कर रही थी। प्रवेश के दौरान कार संसद भवन के गेट पर सुरक्षा के लिए लगे स्पाइक्स में टकरा गई थी, जिसके बाद सुरक्षा का सायरन बजने लगा।
सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत किसी भी अप्रिय चुनौती को विफल करने के लिए मोर्चा संभाल लिया। गाड़ी पर सांसद का गेट पास भी लगा था, बावजूद इसके एजेंसियां इसलिए अधिक सतर्क थीं क्योंकि वर्ष 2001 के दौरान भी संसद हमले में जिस गाड़ी का प्रयोग हुआ था, उसके ऊपर संसद भवन का गेट पास लगा हुआ था। कुछ मिनट तक चले इस घटनाक्रम के बीच ही सुरक्षा एजेंसियों ने ड्राइवर को वेरिफाई किया, जिसके बाद कोई संदेह न होने पर गाड़ी को छोड़ा गया।
बता दें कि दिसंबर 2018 में भी इसी तरह की एक घटना में एक टैक्सी ने प्रवेश द्वार पर लगे बैरिकेडिंग पोल को टक्कर मार दी थी, जिसके बाद सुरक्षा व्यवस्था को हाई अलर्ट पर कर दिया गया था। संसद के प्रवेश द्वार पर टोयोटा इनोवा एक खंभे से टकरा जाने पर सुरक्षा सायरन बजना शुरू हो गए थे। इसके अलावा वर्ष 2001 के आत्मघाती हमले के बाद संसद भवन की सुरक्षा को बढ़ा दिया गया था।
उस हमले में नौ लोग मारे गए थे। हमले के बाद उन्नत हथियारों, नए डिटेक्टर गैजेट्स, स्निफर डॉग और बख्तरबंद वाहनों के अलावा बेहतर प्रशिक्षित जवानों के साथ संसद की सुरक्षा प्रणाली को और मजबूत बनाया गया था।