जैसा की हम जानते है की फरवरी में हुए दंगो में साजिश रचने के आरोपियों ने लोगो को भड़काने के लिए कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी थी। उस रात चांदबाग और जाकिर नगर में स्थित कैंप कार्यालय में कई घंटे तक गोपनीय बैठक की गई थी। दिल्ली पुलिस ने अपनी चार्जशीट में इन बैठकों में शामिल हुए लोगों के खुलासे किए हैं।
सूत्रों की माने तो दंगा भड़काने वालो ने सारे हथकड़े अपनाए गए थे। आरोपियों ने वृंदावन से एक संत को बुलाया था। इन्होंने संत से मुस्लिम टोपी पहनाकर भाषण दिलवाए और हवन करवाया। आरोपियों ने संत को हर एक भड़काऊ भाषण के लिए कई हजार रुपय दिए थे।
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने दिल्ली दंगों की साजिश रचने के मामले में 16 सितंबर को कोर्ट में दाखिल चार्जशीट में ये बातें कही है। संत ने पुलिस को दिए अपने बयान में कहा है की फरवरी में उसे बुलाया गया और मुस्लिम टोपी पहनाकर उससे हवन करवाया गया।
दिल्ली पुलिस ने अपनी चार्जशीट में ये भी दावा किया कि हवलदार रतनलाल की मौत के गवाह सिपाही सुनील है। दयालपुर थाने में तैनात सिपाही सुनील का कहना है कि प्रदर्शनकारी अलर्ग-अलग धर्म के लोगों को बहका कर लाते थे और उनसे भड़काऊ भाषण दिलवाते थे।