26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान लाल किले पर हुई हिंसा मामले में दिल्ली की एक अदालत ने दीप सिद्धू और अन्य के खिलाफ एक नया समन जारी किया है। वहीं दीप सिद्धू पर हिंसा का मुख्य साजिशकर्ता होने का आरोप है।
मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट गजेंद्र सिंह नागर ने सभी आरोपियों को 12 जुलाई को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से अदालत में पेश होने का निर्देश दिया। कोर्ट को सूचित किया गया था कि पहले जो समन जारी किए गए थे वे आरोपियों को नहीं मिले जिसके बाद कोर्ट ने नए समन जारी किए।
इससे पहले, 19 जून को न्यायाधीश ने मामले में आरोप-पत्र का संज्ञान लेते हुए सभी आरोपियों को 29 जून को पेशी के लिए समन जारी किए थे। लेकिन मंगलवार को आरोपियों में से केवल एक हरजोत सिंह ही कोर्ट में पेश हुए। अन्य आरोपियों के वकीलों ने अदालत को बताया कि उनके मुवक्किलों को अब तक समन नहीं दिए गए हैं।
दीप सिद्धू पर पुलिस ने लाल किले में अराजकता फैलाने का भी आरोप लगाया था। इसके साथ ही सिद्धू दंगा, हत्या के प्रयास, आपराधिक साजिश, डकैती, गैर इरादतन हत्या सहित भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की कई अन्य धाराओं के आरोपों का सामना कर रहे हैं।
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गौरतलब है कि 26 जनवरी को हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी किसान अवरोधकों को तोड़ कर राष्ट्रीय राजधानी में दाखिल हो गए थे और आईटीओ सहित अन्य स्थानों पर उनकी पुलिस कर्मियों से झड़पें हुई थीं। कई प्रदर्शनकारी ट्रैक्टर चलाते हुए लाल किला पहुंच गए और ऐतिहासिक स्मारक में प्रवेश कर गए तथा उसकी प्राचीर पर एक धार्मिक झंडा लगा दिया था, जिनमें से दीप सिद्धू मुख्य आरोपी है।
इस हिंसा में 500 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हो गए थे, जबकि एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई थी। दिल्ली पुलिस ने इस हिंसा के सिलसिले में राकेश टिकैत, योगेंद्र यादव, राजिंदर सिंह, मेधा पाटकर, बूटा सिंह, दर्शन पाल और बलबीर सिंह राजेवाल समेत 37 किसान नेताओं के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज की है।
दिल्ली पुलिस ने गणतंत्र दिवस पर हुई हिंसा के मामले में अब तक 152 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 124 ए (राजद्रोह) के तहत मामला दर्ज किया है और पंजाबी अभिनेता दीप सिद्धू और गैंगस्टर से सामाजिक कार्यकर्ता बने लक्खा सिधाना को मुख्य आरोपी बनाया है।