केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर बड़ी संख्या में किसान मौजूद - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर बड़ी संख्या में किसान मौजूद

केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन करने के लिए शनिवार को दिल्ली की सीमाओं पर अब भी बड़ी संख्या में किसान मौजूद हैं।

केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन करने के लिए शनिवार को दिल्ली की सीमाओं पर अब भी बड़ी संख्या में किसान मौजूद हैं और आंदोलन के लिए पुलिस द्वारा निर्धारित स्थान बुराड़ी मैदान पर उन्हें लाये जाने के संबंध में अभी उनके नेताओं ने फैसला नहीं किया है।
भारी पुलिस बल की मौजूदगी में सिंघू बॉर्डर और टिकरी बॉर्डर पर इस समय बड़ी संख्या में किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। भारतीय किसान यूनियन (राजेवाल) के अध्यक्ष बलबीर सिंह राजेवाल ने फोन पर बताया, ‘‘वर्तमान में, हम यहां (दिल्ली सीमा पर) हैं।
हमने अभी भी बुराड़ी मैदान में जाने का फैसला नहीं किया है। आगे की कार्यवाही तय करने के लिए हम शाम को एक बैठक करेंगे।’’ हालांकि भारतीय किसान यूनियन (एकता-उगराहां) के नेता शिंगरा सिंह ने शनिवार को कहा कि वे दिल्ली में बुराड़ी मैदान नहीं जायेंगे।
भारतीय किसान यूनियन (एकता-उगराहां) के वरिष्ठ उपाध्यक्ष जे सिंह जेठुके ने कहा, ‘‘हम केंद्र सरकार से आंदोलन के लिए जंतर-मंतर पर जगह देने का आग्रह करते हैं। हम किसी भी कीमत पर बुराड़ी मैदान नहीं जाएंगे।’’
इस बीच पंजाब के किसानों ने रात्रि विश्राम के बाद शनिवार को ‘दिल्ली चलो’ मार्च फिर से शुरू किया जबकि पहले ही हजारों किसान राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं तक पहुंच चुके हैं। जेठुके ने कहा, ‘‘हम दिल्ली सीमा के करीब पहुंच गए हैं। लेकिन यातायात जाम की वजह से हम फंस गए हैं।
हमारे किसान जो ट्रैक्टर-ट्रेलर में हैं, वे अभी भी हमारे पीछे हैं।” बीकेयू (एकता-उगराहां) के नेताओं ने दावा किया कि बुजुर्ग महिलाओं सहित एक लाख से अधिक किसान, ट्रैक्टर-ट्रेलर, बसों और अन्य वाहनों में राष्ट्रीय राजधानी की ओर मार्च कर रहे हैं।
एक प्रदर्शनकारी किसान ने कहा, ‘‘हमारे पास पांच से छह महीने का राशन है। हम तब तक नहीं लौटेंगे जब तक कि केंद्र नए कृषि कानूनों को रद्द नहीं कर देता।’’ किसान अपने मार्च के लिए राशन, सब्जियां, बर्तन, लकड़ी और अन्य आवश्यक चीजें लाए हैं।
ठंड के मौसम की स्थिति के मद्देनजर, वे रजाई और कंबल भी साथ लाये है। किसान मजदूर संघर्ष कमेटी (केएमएससी) से जुड़े किसानों ने कहा कि उन्होंने राष्ट्रीय राजधानी की ओर जाने के लिए शनिवार को हरियाणा में प्रवेश किया था। केएमएससी के महासचिव सरवन सिंह पंढेर ने बताया, ‘‘हमारे किसान देर शाम तक दिल्ली पहुंच सकते हैं।’’
बीकेयू (एकता-उगराहां) के नेता शिंगारा सिंह ने कहा कि किसानों ने हरियाणा में रोहतक जिले के महम में रात्रि प्रवास के बाद सुबह दिल्ली की ओर फिर से बढ़ना शुरू किया। किसानों के एक अन्य समूह ने हरियाणा में जींद जिले के जुलाना में रात्रि प्रवास किया।
पंजाब के किसानों ने बड़ी संख्या में हरियाणा से लगती राज्य की सीमा को शुक्रवार को पार किया था। पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े थे और पानी की बौछार की थी। इस बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रताप सिंह बाजवा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से किसानों की बातों को सुनने का आग्रह किया।
अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति, राष्ट्रीय किसान महासंघ और भारतीय किसान यूनियन के विभिन्न धड़ों ने मार्च का आह्वान किया था। केन्द्र ने पंजाब के कई किसान संगठनों को वार्ता के एक और दौर के लिए तीन दिसम्बर को दिल्ली आमंत्रित किया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

thirteen − 8 =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।