आम आदमी पार्टी (आप) ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा टोल कंपनी के 92.91 लाख रुपए माफ करने का आरोप लगाते हुए कहा कि निगम के टोल टैक्स के पैसे की बंदर बांट हो रही है। आप के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने सोमवार को संवाददाताओं से कहा कि टोल टैक्स से जो राजस्व दिल्ली या किसी अन्य राज्य को आता है वह राजस्व का बहुत बड़ा हिस्सा होता है। दिल्ली नगर निगम को टोल टैक्स से बहुत बड़ी आय होती है। दिल्ली से उत्तर प्रदेश, हरियाणा की सीमा लगती है।
गुरुग्राम, फरीदाबाद, गुडगांव, नोएडा से रोजाना हजारों लोग टोल टैक्स देकर दिल्ली आते हैं। जितनी भी कमर्शियल गाड़ियां, टैक्सी, ट्रक आदि आते हैं सभी टोल टैक्स देते हैं। भाजपा द्वारा टोल कंपनी के 92.91 लाख रुपए माफ किए जा रहे हैं। दिल्ली के अंदर लॉकडाउन 19 अप्रैल से 07 जून तक था, जबकि निगम टोल कंपनी को 10 अप्रैल से लेकर 01 अगस्त तक टोल टैक्स की माफी देने जा रही है। निगम की स्थाई समिति में इस प्रस्ताव का आम आदमी पार्टी विरोध करेगी।
उन्होंने कहा कि निगम के दिवालिया होने के पीछे बड़ी साजिश और बड़ा षड्यंत्र है। टोल टैक्स से कई सालों में जितना पैसा आना चाहिए था, उतना पैसा नहीं आ रहा है। टोल टैक्स के इस पैसे की एमसीडी के नेताओं से लेकर ऊपर तक बंदर बांट हो रही है। आप प्रवक्ता ने कहा कि दिल्ली भाजपा प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता 24 घंटे में बताएं कि निगम को सालाना कितना टोल टैक्स मिलना चाहिए? पिछले कुछ सालों से कितना टोल टैक्स सालाना निगम को मिल रहा है? गुप्ता जानते हैं कि निगम के टोल टैक्स में करोड़ की बेईमानी हो रही है।
उन्होंने कहा कि निगम के टोल टैक्स में लगातार जो चोरी हो रही थी वह तो अलग है। अब एक और बड़ी चोरी कल की गई है। दिल्ली के अंदर 19 अप्रैल से 07 जून तक लॉकडाउन था। इस दौरान माल लाने और माल ढोने के लिए सारे कमर्शियल वाहन चला करते थे। दिल्ली के अंदर जो सामान आता था उसका टोल टैक्स बाकायदा दिया जाता था। टैक्सियां-कैब भी उस समय चल रही थीं। तब भी सिर्फ 19 अप्रैल से 07 जून तक लॉकडाउन था। अब दिल्ली नगर निगम 10 अप्रैल से लेकर 01 अगस्त तक टोल टैक्स की माफी देने जा रही है। इसके तहत कल 92 करोड़ 91 लाख 85 हजार 781 रुपए की माफी कंपनी को दी जा रही है।