दिल्ली हाई कोर्ट ने बुधवार को आम आदमी पार्टी के बागी विधायकों अनिल बाजपेयी और कर्नल देवेंद्र सहरावत की याचिकाएं खारिज कर दीं। दोनों विधायकों ने अपने खिलाफ अयोग्यता कार्रवाई से विधानसभा अध्यक्ष को अलग रहने का निर्देश देने की मांग की थी।
मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति सी हरि शंकर की पीठ ने कहा कि एकल न्यायाधीश के आदेश को चुनौती देने वाले दोनों विधायकों की अपीलों पर विचार करने की कोई वजह नहीं है। साथ ही कहा कि शुरूआती आपत्ति और अयोग्यता याचिका पर एकसाथ विचार करने का फैसला लेना विधानसभाध्यक्ष का विशेषाधिकार है।
पीठ ने कहा कि इस मुद्दे पर फैसले के लिए विधानसभा अध्यक्ष को निर्देश जारी करने का हम कोई कारण नहीं पाते हैं। दोनों विधायकों ने याचिकाओं को खारिज करने के एकल पीठ के आदेश को चुनौती दी थी। दल-बदल कानून के तहत उनकी अयोग्यता के लिए याचिका पर सुनवाई से दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल को अलग रहने का निर्देश देने के लिए ये याचिकाएं दायर की गयी थीं।
एकल न्यायाधीश ने आठ जुलाई के अपने आदेश में कहा था कि अध्यक्ष द्वारा अपनायी गयी प्रक्रिया में कोई विसंगति नहीं थी और विधायकों के पक्षपात के आरोप को खारिज कर दिया था।