नई दिल्ली : दिल्ली की सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी (आप) ने लोकसभा चुनाव के माहौल में दक्षिणी दिल्ली से भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी के पांच साल के कामकाज का लेखाजोखा पेश किया है। आप ने भाजपा सांसद पर अपने क्षेत्र की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए उन्हें विकास कार्यों के नाम पर घेरा है।
आप के दिल्ली संयोजक गोपाल राय ने सांसद का रिपोर्ट कार्ड जारी करते हुए कहा कि उन्होंने अपने क्षेत्र में विकास का कोई काम नहीं कराया, वे केवल क्षेत्रवासियों को मूर्ख बनाने में लगे रहे। उनके क्षेत्र में स्थित एशिया की सबसे बड़ी अनधिकृत कॉलोनी संगम विहार में तो सड़क और नाली का अंतर ही पता नहीं चलता। यहां गलियां तंग है और सड़के गंदगी से भरी पड़ी हैं। लोग नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं। इतनी सब समस्याएं होने के बाद भी रमेश बिधूड़ी की सांसद निधि में 1.69 करोड़ शेष बचे हुए हैं। ‘
राय ने आरोप लगाया कि सांसद महोदय ने संजय झुग्गी-बस्ती, ओखला फेज-2 और तुगलकाबाद में कार्यकर्ताओं के साथ दौरा करते हुए वादा किया था कि जब भी भाजपा दिल्ली की सत्ता में आएगी तो झुग्गी-बस्ती वालों को जहां झुग्गी वहीं मकान के आधार पर बनाकर मकान बनाकर दिये जाएंगे। झुग्गी बस्ती में ही मकान बनाने के लिए झुग्गी-बस्ती सुधार बोर्ड की स्थापना की जायेगी। अब केन्द्र में भाजपा की सरकार है, सांसद बताएं कि कितने घर बनाकर दिये गये?
सांसद बिधूड़ी ने आप को दिखाया आइना
केजरीवाल सरकार रिपोर्ट कार्ड पेश कर रही है, जो खुद फेल हो चुकी है। फेल होने वाला जिसके 100 में से सात नंबर होंगे वो दूसरे का भला क्या मूल्यांकन करेंगे। इससे पहले आम आदमी पार्टी नगर निगम चुनाव में फेल चुकी है और उससे पहले दिल्ली विश्वविद्यालय में कम्यूनिस्टों के साथ गठबंधन कर लड़ा छात्रसंघ का चुनाव भी हार चुके हैं। अब आम आदमी पार्टी कहती है कि यदि कांग्रेस गठबंधन करेगी तो ठीक है वरना भाजपा सातों सीटों पर जीत जाएगी।
मतलब केजरीवाल खुद स्वीकार कर चुके हैं कि दिल्ली की जनता उन्हें नकार चुकी है। ऐसे व्यक्ति को सांसदों के रिपोर्ट कार्ड पेश करने का अधिकार ही नहीं है। हम सातों सांसदों की जवाबदेही दिल्ली की सवा दो करोड़ जनता के प्रति है, न कि फेल हो चुकी केजरीवाल सरकार के प्रति हम जिम्मेदार हैं।
मेरे संसदीय क्षेत्र के आदर्श गांव में मोहल्ला क्लीनिक खोलने की बात करते हैं, जो कि खोला ही नहीं गया। यहां तक की हमें अनुरोध करने के बावजूद स्कूल और डिस्पेंसरी के लिए भूमि तक उपलब्ध नहीं करवाई गई। सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट, कॉलेज और हाई सेकेंडरी स्कूल के लिए जगह तक नहीं दी गई।