देश की राजधानी दिल्ली में हर साल सर्दियों के दौरान धुएं की ऐसी चादर आसमान को घेर लेती है कि फिर सामने वाला का चेहरा भी नहीं दिख पाता है। सरकारें एक-दूसरे पर बस आरोप-प्रत्यारोप का खेल चलाती है और इन सब में जनता का बुरा हाल होता है। इसका खासा कारण हरियाणा-पंजाब में पराली जलाना है।
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने शुक्रवार को कहा कि अगर पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बनती है तो राज्य पराली जलाने की समस्या से मुक्त हो जाएगा। बता दें कि पंजाब में सालाना लगभग दो करोड़ टन धान की भूसी पैदा होती है। पंजाब में अगले साल की शुरुआत में विधानसभा चुनाव होने हैं। राय ने कहा कि दिल्ली ने ‘पूसा जैव-अपघटक’ के रूप में पराली जलाने की समस्या का समाधान दिया है और दिल्ली की तरह ही इसे पंजाब के सभी जिलों में मुफ्त में वितरित किया जाएगा।
पंजाब पराली जलाने से मुक्त हो जाएगा- राय
राय ने कहा, ” अगर राज्य में आप की सरकार बनती है तो पंजाब पराली जलाने से मुक्त हो जाएगा। हम पंजाब में जिला प्रशासन के जरिए खेतों में जैव अपघटक का मुफ्त में छिड़काव करेंगे, जिस तरह हम दिल्ली में करते रहे हैं।” उन्होंने कहा, ”यह इतना कठिन नहीं है (लाखों एकड़ जमीन पर जैव अपघटक का छिड़काव)। इसे करने के लिए केवल इच्छाशक्ति की जरूरत है। हम इसे सकारात्मक रूप से करेंगे।”
15 अक्टूबर से 15 नवंबर के बीच पराली जलाने के मामले आते है सामने
मंत्री ने कहा कि यह फसल अवशेष प्रबंधन के लिए किए जा रहे अन्य उपायों जितना महंगा नहीं पड़ेगा। पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में 15 अक्टूबर से 15 नवंबर के बीच धान की कटाई के मौसम के दौरान पराली जलाने के मामले सामने आते हैं, क्योंकि किसान गेहूं और आलू की खेती से पहले फसल के अवशेषों को जल्दी से हटाने के लिए खेतों में आग लगा देते हैं। यह दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के स्तर में वृद्धि के प्रमुख कारणों में से एक है।