नई दिल्ली : विपक्ष के नेता विजेन्द्र गुप्ता ने शुक्रवार को कहा कि जैसे-जैसे दिल्ली विधानसभा चुनाव नजदीक आते जा रहे हैं आम आदमी पाटी के नेताओं की बौखलाहट बढ़ती जा रही है। इसी बौखलाहट में पार्टी की वरिष्ठ नेता व राष्ट्रीय प्रवक्ता आतिशी ने घोषणा कर डाली की दिल्ली विधानसभा चुनाव घोषणा पत्र, 2015 में किए गए सभी वायदे समय से पहले ही पूरे कर लिए गए हैं। इससे बड़ा सफेद झूठ कोई और नहीं हो सकता।
उन्होंने आम आदमी पार्टी के नेताओं से पूछा कि दिल्ली जनलोकपाल बिल, स्वराज बिल और मोहल्ला सभाएं कहां हैं? महिला सुरक्षा के लिए 15 हजार होमगार्ड कहां हैं? सार्वजनिक परिवहनों में पांच हजार मार्शल कहां दिखाई पड़ते हैं? बसों में सुरक्षा बटन अभी तक क्यों नहीं लगाये गए। शिक्षा के क्षेत्र में सबसे अधिक बजट लगाने के बावजूद भी किए गए वायदे हवा हवाई सिद्ध हुए। 500 नये सरकारी स्कूल बनाने का वायदा किया गया था। एक भी स्कूल ऐसा नहीं है जिसका निर्माण केजरीवाल सरकार ने किया हो।
20 नये डिग्री कालेज, अंबेडकर कृषि विद्यालय सहित दिल्ली सरकार के कॉलेजों में मौजूदा सीटों की क्षमता दोगुना करनी थी, लेकिन कुछ भी नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में आम आदमी पार्टी ने 500 नये प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र और अस्पतालों में 30 हजार अतिरिक्त बेड की सुविधा देने का वायदा किया था। यह भी कहा था कि इसमें 400 बेड प्रसूति वार्ड के लिए होंगे। 1000 लोगों के लिये पांच बेड के अंतराष्ट्रीय मापदंड को भी सुनिश्चित किया जाएगा। सरकार ने न कोई प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र खोला और न ही अतिरिक्त बिस्तरों की व्यवस्था की और न ही कोई नया अस्पताल खोल सकी।
बिजली कंपनियों का ऑडिट, दिल्ली का अपना पावर स्टेशन, उपभोक्ताओं को बिजली कंपनियों के बीच चयन करने का अधिकार देने का वायदा किया था, लेकिन वह भी पूरा नहीं हुआ। झुग्गी बस्तियों तक पानी की पाइप लाइन नहीं बिछाई गई और लोग आज भी टैंकर माफिया के चंगुल में फंसे हुए हैं। चुनावी घोषणा पत्र में पांच साल में शहर में कम से कम पांच हजार नई बसें जोड़ने का वायदा किया गया था, वह भी पूरा नहीं हुआ।
यमुना नदी को पुनर्जीवित करने का वायदा किया गया था, लेकिन करोड़ों रुपये बहाने के बाद भी यमुना पहले जितनी ही मैली रही। दो लाख सार्वजनिक इको-शौचालय बनाने का वायदा भी पूरा नहीं हुआ। आम आदमी पार्टी ने वायदा किया था कि 55 हजार रिक्त पदों को भरा जाएगा। सभी कच्चे कर्मचारियों को पक्का किया जाएगा, लेकिन कोई भी वायदा पूरा नहीं हुआ।