श्योपुर : जब से आरबीआई ने 2 हजार के नोटों की सप्लाई बंद की है,तब से ATM में 200 व 500 के नोट ही रखे जा रहे हैं,जो ATM से जल्दी ही खत्म हो जाते हैं,जिसके चलते लोगों को नगदी के लिए भटकना पड रहा है। नागरिकों का कहना है कि यदि पुराने ATM में छोटे नोटों को रखने की क्षमता बढा दी जाए तो लोग नगदी की परेशानी से बच सकते हैं। यूं तो शहर करीब दो दर्जन ATM हैं,लेकिन अधिकांश ATM से इन दिनों ग्राहकों को रुपए नहीं मिल रहे।
किसी में तकनीकी खराबी तो किसी में कैश नहीं होने के कारण लोगों को रुपए निकालने के लिए भटकना पड़ रहा है। चूंकि वर्तमान में त्याहारों का सीजन चल रहा है,जिसके चलते नगदी की जरूरत सभी को रहती है,किन्तु एटीएम से रुपए नहीं निकलने से लोगों की परेशानी खासी बढी हुई है। दरअसल आरबीआई से 2000 के नोटों की सप्लाई बंद हो गई है,जिसके चलते एटीएम में भी बड़े नोट का संकट बना हुआ है। उपभोक्ता को 500 व 200 रुपए के ही नोट मिल रहे हैं। लोगों का कहना है कि छोटे नोट एटीएम में जल्दी खत्म हो जाते हैं।
जिस कारण लोगों को नगदी के लिए एक एटीएम से दूसरे,दूसरे से तीसरे और तीसरे से चौथे एटीएम पर जाने के लिए विवश होना पड रहा है। इसके बाद भी कोई गारंटी नहीं कि ATM में पैसे मिल ही जाएं। कुल मिलाकर इन दिनों एटीएम में कैश का जबरदस्त संकट बना हुआ है। हालांकि बैंक अधिकारी एटीएम में कैश की किल्लत नहीं होने का दावा कर रहे हैं। कुछ एटीएम तो शोपीस बनकर रह गए हैं शहर में भारतीय स्टेट बैंक के कुछ ATM तो हमेशा ही शोपीस बने रहते हैं।
शहर के हिन्दु धर्मशाला के सामने,बस स्टैण्ड के पीछे,सूबात कचहरी के पास,बंजारा डेम के ऊपर लगे ATM तो अधिकांश समय तकनीकी वजह से खराब ही पडे रहते हैं,जिसके चलते लोगों को खासी असुविधा का सामना करना पडता है। इन एटीएम में 80 प्रतिशत केस नहीं मिलता है। अपनी शिकायत में पंकज शर्मा ने बताया कि बस स्टैण्ड के पीछे लगे एटीएम पर कभी भी कैश नहीं मिलता है। जिस कारण उन्हें एसबीआई शाखा के बाहर लगे एटीएम तक आना पडता है। कुल मिलाकर 80 प्रतिशत ATM में कैश नहीं मिलता है।