राज्यसभा में आज मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि केन्द्र उन लोगों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करेगा जो जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के मूलभूत चरित्र को बदलने का प्रयास करेंगे। निशंक ने यह बात प्रश्नकाल में एक पूरक प्रश्न के जवाब में कही। उन्होंने कहा कि जेएनयू की परिकल्पना शोध के लिए की गयी थी।
उन्होंने कहा कि जूएनयू का मूल चरित्र जो पहले हुआ करता था, उसे बरकरार रखा जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘जो लोग विश्वविद्यालय का चरित्र बदलने का प्रयास करेंगे, हम उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई करेंगे। सरकार उससे नहीं झिझकेगी।’’
मानव संसाधन विकास मंत्री से पूरक प्रश्न पूछा गया था कि जेएनयू परिसर में फीस वृद्धि को देखते हुए क्या वह वर्तमान कुलपति को बदलेंगे। जेएनयू में डेप्रिवेशन अंक हटाने के संदर्भ में उन्होंने कहा कि 2016 में शोध डिग्री पाठ्यक्रमों में ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यार्थी की संख्या 48.3 प्रतिशत थी जो 2019 में बढ़कर 51.42 प्रतिशत हो गयी। उन्होंने इस बात को गलत बताया कि डेप्रिवेशन अंक हटाये जाने के बाद पिछड़े क्षेत्रों से आने वाले छात्रों की संख्या जेएनयू में घटी है।