पश्चिमी दिल्ली : मुखर्जी नगर में रोडरेज के बाद हुई सिखों से फजीहत के बाद पुलिस और सिखों के बीच अब मान मनौव्वल का दौर शुरू हो गया है। ज्ञात हो कि रविवार को पुलिस की ईआरवी और ग्रामीण सेवा वाहन की टक्कर के बाद हुए बवाल को लेकर सोमवार रात तक लोगों ने थाने का घेराव किया। पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की और घटना के दौरान मौजूद अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग करने लगे। भीड़ को उग्र देखते हुए मौके पर तीन अतिरिक्त सुरक्षाकर्मियों को बुलाया गया। साथ ही रेंज के तमाम आलाधिकारियों ने भी थाने में मोर्चा संभाल लिया।
घंटों की जद्दोजहद के बाद किसी तरह से मामले को काबू कर लोगों को समझा-बुझाकर शांत किया गया। हालांकि सोमवार शाम दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा द्वारा ड्राइवर सरबजीत के मामले को लेकर पुलिस कमिश्नर से मिलने के बाद मामला करीब शांत माना जा रहा था। पुलिस ने दोनों पक्षों की शिकायत पर मामला दर्ज कर जांच क्राइम ब्रांच से कराने की बात कहीं। लेकिन सोमवार रात करीब 11 बजे अचानक से सरबजीत के समर्थन में सैकड़ों की तादात में लोगों ने एक बार फिर थाने के बाहर इकट्ठा होकर हंगामा करने लगे।
पुलिस के विरोध में एक बार फिर से नारेबाजी कर घटना के दौरान मौजूद सभी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने लगे। यह हंगामा करीब तीन से चार घंटे तक चला। अंत में तीन बजे लोगों को समझा-बुझाकर किसी तरह से हालात को सामान्य किया। घटनाक्रम की जांच में ज्वाइंट कमिश्नर की टीम ने 15 लोगों के बयान दर्ज किए है, जोकि थाने के बाहर जिस पुलिस वाहन से ग्रामीण सेवा वाहन की टक्कर के बाद बिगड़े हालात के दौरान घटनास्थल पर मौजूद थे, वहीं पुलिस और पब्लिक समेत करीब 18 लोगों से पूछताछ की जा चुकी है।
जांच से जुड़ी यह कार्रवाई रेंज के ज्वाइंट कमिश्नर मनीष अग्रवाल की अगुवाई वाली टीम ने की। दरअसल सोमवार शाम दिल्ली पुलिस ने पुलिसकर्मी मुकेश और ड्राइवर सरबजीत की शिकायत पर इस संबंध में अलग-अलग एफआईआर दर्ज कर जांच क्राइम ब्रांच को सौंप दी थी, वहीं इस पूरे घटनाक्रम और उसके बाद हुए हंगामे में पुलिसकर्मी और पब्लिक की भूमिका की जांच नॉर्दन रेंज के ज्वाइंट कमिश्नर को सौंपी गई थी। ज्वाइंट कमिश्नर की टीम यह जांच कर रही है कि आखिरकार हंगामें का जिम्मेदार कौन है? हंगामा किसने शुरू किया? और हंगामे के दौरान किसकी क्या भूमिका थी?
फिलहाल प्रारंभिक जांच में ड्यूटी को प्रोफेशनल तरीके करने में विफल होने वाले तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया था, जबकि पूरे घटनाक्रम के दोषियों की जांच करने का ऐलान किया गया। लेकिन इस कार्रवाई और ऐलान के चंद घंटों के बाद सिख सामुदाय के लोग एक बार फिर से सोमवार देर रात मुखर्जी नगर थाने के बाहर सैकड़ों की तादात में जमा हो गए और अन्य पुलिसर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर दोबारा से हंगामा करने लगे।
बहरहाल पुलिस ने घटना से जुड़े फुटेज और लोगों से पूछताछ करने और उनके बयान रिकॉर्ड करने का सिलसिला शुरू कर दिया है। माना जा रहा है कि इस जांच को पूरा करने के बाद कुछ लोगों के खिलाफ कार्रवाई भी जा सकती है और इस मामले को लेकर और कुछ धाराएं भी जोड़ी जा सकती हैं।