नई दिल्ली/अयोध्या : देश के सबसे विवादित स्थल में शामिल राम जन्म भूमि के कारण अयोध्या को लेकर देश-विदेश में कई चर्चाएं होती रही हैं, लेकिन अयोध्या के भीतर पहली बार राम जन्म भूमि को चर्चा मिली है। वहां व्यापक स्तर पर ‘चलो राम जन्मभूमि’ के नारे लगाते हुए भक्त रामायण की पंक्ति ‘बिनय न मानत जलधि जड़, गए तीनि दिन बीति। बोले राम सकोप तब भय बिनु होइ न प्रीति’ दोहरा रहे हैं। हालांकि इस दोहे के बारे में कुछ न कहते हुए आयोजक बताते हैं कि इस गूंज का उद्देश्य सिर्फ अयोध्या-फैजाबाद वासियों को रामलला के दर्शन करवाना है।
विवेक सेवा ट्रस्ट की ओर से श्रीराम दर्शन यात्रा का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें अयोध्या-फैजाबाद के निवासियों को श्रीराम जन्म भूमि की यात्रा कराई जा रही है। ट्रस्ट से जुड़े एक सदस्य ने बताया कि अयोध्या में ‘चिराग तले अंधेरा’, यह कहावत अयोध्या पर भी सटीक बैठती है, लेकिन स्थानीय लोग राम जन्म भूमि के दर्शन से अभी भी अछूते हैं। अब यही दुर्भाग्य दूर करने के लिए श्रीराम दर्शन यात्रा समिति की ओर से 16 जनवरी से 73 दिवसीय यात्रा का आयोजन किया गया है, जिसमे अयोध्या-फैजाबाद वासियों को समिति के खर्च पर न सिर्फ राम मंदिर का दर्शन करवाया जाएगा, बल्कि राम जन्म भूमि के इतिहास से भी वह रूबरू होंगे।
सूत्र यह भी मानते हैं कि यात्रा के आखिरी दिनों में उत्तर प्रदेश सरकार के कुछ मंत्री भी यात्रा में शामिल हो सकते हैं, वहीं जिला स्तर पर हिंदू छवि वाले संगठन यात्रा में आए दिन शामिल होते रहते हैं। आयोजकों में शामिल छात्र नेता (का.सु.साकेत महाविद्यालय) कुलभूषण द्विवेदी (योगी) ने बताया कि यह यात्रा 16 जनवरी से शुरू की गई है, जिसमें प्रतिदिन सैकड़ों लोगों को राम जन्म भूमि के दर्शन करवाया जा रहा है। इससे पहले कई लोगों से पूछा भी गया था, लेकिन जब उन्होंने कभी भी भूमि के दर्शन न किए जाने की बात कही, तो इस यात्रा के आयोजन का विचार आया। प्रतिदिन एक वार्ड और एक गांव के लोगों को यात्रा में शामिल किया जा रहा है और 16 जनवरी से अब तक कुछ हजार लोग रामलला के दर्शन करने जा चुके हैं। यह यात्रा 13 अप्रैल तक प्रतिदिन चलेगी और 14 अप्रैल को धूमधाम से यात्रा का समापन किया जाएगा।
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