पिछले साल केंद्र सरकार द्वारा लाये गए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है। इस बीच भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) की हर माह होने वाली मासिक बैठक बुधवार को गाजीपुर बॉर्डर पर की जाएगी। बैठक भाकियू राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत के नेतृत्व में बुलाई गई है।
आंदोलन शुरू होने के बाद ये पहली बैठक होगी जो सिसौली छोड़ गाजीपुर बॉर्डर पर होगी। इसके कई मायने निकाले जा रहे हैं। इस मासिक बैठक में केवल पश्चिमी उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के विभिन्न जिलों के किसान नेता शामिल होंगे।
आंदोलन शुरू होने के बाद ये पहली बैठक होगी जो सिसौली छोड़ गाजीपुर बॉर्डर पर होगी। इसके कई मायने निकाले जा रहे हैं। इस मासिक बैठक में केवल पश्चिमी उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के विभिन्न जिलों के किसान नेता शामिल होंगे।
भाकियू उत्तरप्रदेश अध्यक्ष राजवीर सिंह जादौन ने बताया कि, “ये मासिक पंचायत है, ये हर महीने सिसौली में होती थी, हम पिछले महीने भी गए थे, लेकिन उसके बाद हमें आदेश दिया गया कि आंदोलन छोड़ कर ना आएं, अगले 17 मार्च को आंदोलन स्थल पर ही मासिक पंचायत होगी।”
“मासिक पंचायत आंदोलन से पहले भी होती थी, क्योंकि अब आंदोलन चल रहा है तो इसका उद्देश्य आंदोलन की आगे की रणनीति तय करना रहेगा।
“मासिक पंचायत आंदोलन से पहले भी होती थी, क्योंकि अब आंदोलन चल रहा है तो इसका उद्देश्य आंदोलन की आगे की रणनीति तय करना रहेगा।
किस तरह इसे तेज करना है? किस तरह रोटेशन प्रणाली को फॉलो करना है आदि। आंदोलन और खेती कमजोर न पड़े इसपर भी चर्चा रहेगी।”
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रावक्ता राकेश टिकैत ने बताया 17 मार्च को गाजीपुर बॉर्डर पर होने वाली यूनियन की मासिक पंचायत में किसानों की तमाम समस्याओं पर चर्चा होगी। केंद्र सरकार किसानों से बातचीत करने के लिए पहल नहीं कर रही है। ऐसे में आंदोलन लंबा चलाने के लिए रणनीति तैयार करनी पड़ेगी।
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रावक्ता राकेश टिकैत ने बताया 17 मार्च को गाजीपुर बॉर्डर पर होने वाली यूनियन की मासिक पंचायत में किसानों की तमाम समस्याओं पर चर्चा होगी। केंद्र सरकार किसानों से बातचीत करने के लिए पहल नहीं कर रही है। ऐसे में आंदोलन लंबा चलाने के लिए रणनीति तैयार करनी पड़ेगी।