नई दिल्ली : अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की ओर से एडवाइजरी जारी किए जाने के बाद भी गुरुवार को डॉक्टरों और कर्मचारियों ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में एम्स के प्रोफेसर, डॉक्टर, नर्स और अन्य कर्मचारी शामिल रहे।
डॉक्टरों ने एम्स के गेट संख्या एक पर प्रदर्शन के दौरान पुलिस कार्रवाई और हिंसा की निंदा की। एम्स में शोध कर रहे पीएचडी के छात्र अपरोधिते चक्रवृत्ति ने कहा कि देश के सभी विश्वविद्यालय और संस्थानों में नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के विरोध में प्रदर्शन किए जा रहे हैं।
छात्रों के प्रदर्शन को रोक कर सरकार इनकी आवाज को दबा रही है। ऐसे में हम और हमारे एम्स के अन्य साथी इस कानून का विरोध करने के साथ ही पुलिस की छात्रों के खिलाफ की जा रही कार्रवाई के खिलाफ विरोध करने आए हैं। हालांकि इस दौरान डॉक्टरों ने विरोध में सार्वजनिक संपत्तियों के नुकसान की भी निंदा की है। बता दें कि इससे पहले एम्स के छात्रसंघ ने कैंडल मार्च निकालकर विरोध दर्ज कराया था।