दिल्ली स्तिथ अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के सर्वर हैकिंग मामले को लेकर मंगलवार को गृह मंत्रालय में एक उच्च स्तरीय बैठक हुई। इस बैठक में मामले की जांच की दिशा और अन्य पहलुओं पर मंथन किया गया। बता दें कि 23 नवंबर को एम्स का सर्वर हैक हुआ था और पिछले एक हफ्ते से बंद पड़ा हुआ है।
एम्स सर्वर हैकिंग मामले में गृह मंत्रालय एक्शन में आ गया है। सूत्रों के मुताबिक, एक घंटे से ज्यादा समय तक चली उच्चस्तरीय बैठक में इस बात पर मंथन हुआ कि जांच किस दिशा में और कितनी तेजी से आगे बढ़ रही है। इस बैठक में आईबी के अधिकारी, एम्स एडमिनिस्ट्रेशन से जुड़े अधिकारी, एनआईसी के अधिकारी, एनआईए के वरिष्ठ अधिकारी सहित दिल्ली पुलिस और गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
सूत्रों के मुताबिक, इस बैठक में सभी संबंधित एजेंसियों से जुड़े अधिकारियों ने गृह मंत्रालय को बताया कि सर्वर को सुचारु रूप से चालू करने के लिए सभी कदम उठाए जा रहे हैं। इसके अलावा एनआईए और अन्य एजेंसियों के एक्सपर्ट ने भी हैकिंग की जांच की है, जिसकी जानकारी अधिकारियों द्वारा दी गई है। सूत्रों की माने तो इस मामले की जांच गृह मंत्रालय द्वारा एनआईए को सौंपी जा सकती है।
गौरतलब है कि एम्स दिल्ली के सर्वर हैकिंग का पता 23 नवंबर की सुबह चला था। आशंका जताई जा रही है कि इस सेंधमारी के कारण लगभग 3-4 करोड़ मरीजों का डेटा प्रभावित हो सकता है। वहीं इस पूरे मामले को दिल्ली पुलिस की इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटजिक ऑपरेशन टीम केस दर्ज कर जांच कर रही है।