नई दिल्ली : दुर्लभ बीमारी (हाइपोवेंटिलेशन सिंड्रोम) से जुझ रहे (करावल नगर निवासी ) पांच माह के बच्चे यथार्थ की मदद के लिए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, दिल्ली आगे आया है। अब इस बच्चे का उपचार एम्स में होगा। फिलहाल बच्चा डॉक्टरों की निगरानी में है।
बच्चे के पिता प्रवीन का कहना है कि निजी अस्पताल से डिस्चार्ज करवाकर वह बच्चे को एम्स ले आए हैं। यहां बच्चे को आईसीयू में रखा है। वहीं एम्स के डॉक्टरों का कहना है कि वह फिलहाल बच्चे को आईसीयू में रखा है और उसे ऑक्सीजन दी जा रही है। बच्चे को लगातार ऑर्ब्जव किया जा रहा है।
इस पूरी प्रक्रिया के बाद ही कोई अंतिम फैैसला लिया जा सकता है। बता दें कि पंजाब केसरी ने 14 जनवरी को नींद में सांस लेना भूल जाता है, खर्च होंगे 50 लाख, भारत में नहीं है इलाज हेडिंग से इस खबर को प्रमुखता से छापा था। खबर छपने के बाद परिवार की मदद के लिए कई लोग सामने आए।
अब यह बच्चा एम्स के डॉक्टरों की निगरानी में है। दुर्लभ बीमारी से जुझ रहे बच्चे के परिजन की मासिक आय महज 25 हजार रुपये हैं और इस बीमारी के उपचार पर खर्च करीब 50 लाख रुपये आएंगे। ऐसे में परिजन परेशान हैं कि इस बीमारी का खर्च कहा से जुटा पाएंगे। परिवार लोगों से अपील की है लेकिन अभी तक 50 लाख रुपये का इंतजाम नहीं हो पाया है।
पांच माह के यथार्थ की मां मीनाक्षी बताती हैं कि यह बीमारी दुनिया में सिर्फ 1300 लोगों को है। इस बीमारी में बच्चा गहरी नींद में जाने पर सांस लेना भूल जाता है। सभी अस्पतालों ने इसका इलाज करने से मना कर दिया है। देश में इसका उपचार नहीं, लेकिन अब एम्स ने मदद दी है।