अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति (एआईकेएससीसी) ने दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते वायु प्रदूषण के मद्देनजर अध्यादेश के माध्यम से एक नया कानून लाने के लिए केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए शुक्रवार को कहा कि यह एक और अलोकतांत्रिक और किसान विरोधी अध्यादेश है।
एआईकेएससीसी ने मांग की कि केंद्र को जल्दीबाजी में लागू किए गए अध्यादेश को वापस लेना चाहिए और किसान संगठनों तथा राज्य सरकारों के साथ व्यापक विचार-विमर्श करना चाहिए ताकि वायु प्रदूषण के मुद्दे के हल के लिए एक बेहतर, अधिक भागीदारीपूर्ण और प्रभावी रूपरेखा तैयार की जा सके।
एआईकेएससीसी के केंद्रीय कार्य समूह के सदस्य दर्शन पाल द्वारा जारी एक बयान में कहा गया, ‘‘यह एक और अलोकतांत्रिक और किसान विरोधी अध्यादेश है। केंद्र ने एक बार फिर से राज्यों की बात नहीं सुनी और किसानों को दंडित करने की शक्ति प्राप्त कर ली। गौरतलब है कि एआईकेएससीसी इससे पहले नए कृषि कानूनों को किसान विरोधी करार देते हुए उन्हें वापस लेने की मांग कर चुकी है।
उल्लेखनीय है कि दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते वायु प्रदूषण से निपटने के लिए केंद्र सरकार ने एक अध्यादेश के माध्यम से एक नया कानून पेश किया है जिसके तहत तत्काल प्रभाव से एक शक्तिशाली निगरानी निकाय बनाने और नियमों का उल्लंघन करने वालों के लिए पांच साल तक की जेल और एक करोड़ रुपये के जुर्माने का प्रावधान किया गया है।