हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले की एक दूरदराज इलाके में गुरुवार को राहत सामग्री पहुंचाई गई। यह इलाका सितम्बर महीने में भारी बर्फबारी के बाद ट्रैकिंग मार्ग बंद होने से राशन की भारी कमी का सामना कर रहा है। सरकार के एक प्रवक्ता ने यहां आईएएनएस को बताया कि भारतीय वायुसेना के एक हेलीकॉप्टर ने धौलधार वन्यजीव अभयारण्य के भीतर बारा भंगल में खाद्य सामग्री पहुंचाई। इस इलाके में सड़क से नहीं पहुंचा जा सकता।
जिले के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक चिकित्सा दल 2,800 मीटर की ऊंचाई पर स्थित इलाके में पहुंचा और राशन व अन्य मदद मुहैया कराई। यह इलाका 22 और 24 सितम्बर के बीच भारी बर्फबारी के बाद करीब 14 दिनों तक राज्य से कट गया। अधिकारियों ने लोगों के फंसे होने की आशंका में उन्हें ढूंढने के लिए थमसार र्दे, जलसू और खालिहानी र्दे समेत कई इलाकों का हवाई सर्वे किया लेकिन उन्हें कोई नहीं मिला। प्रवक्ता ने कहा, ‘वितरण के लिए बारा भंगल में स्थित सरकारी उचित दर दुकान को सूखे राशन के पचास पैकेट सौंपे गए हैं।
इन इलाकों में 20 से 22 भेड़ों के झुंड हैं और सभी गड़रिये सुरक्षित हैं।’ अधिकारी ने उन मीडिया खबरों को खारिज कर दिया, जिसमें क्षेत्र में बर्फबारी के बाद मार्गो के बंद होने के साथ विशेषकर गड़रियों में भुखमरी की बात कही जा रही है।
सर्दियां शुरू होने से पहले बारा भंगल के कई निवासी यहां से करीब 250 किलोमीटर दूर पालमपुर शहर के समीप बैजनाथ उपसंभाग के बीर के लिए पलायन कर गए हैं। इस बार वर्फबारी पहले से शुरू हो गई जिसका लोगों को अनुमान नहीं था। कांगड़ा उपायुक्त संदीप कुमार ने आईएएनएस को बताया कि जिले के अधिकारियों के साथ चिकित्सकों की एक टीम प्राथमिक उपचार के लिए बारा भंगाल पहुंची है। धौलाधार वन्यजीव अभायरण 944 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है, जो कि तीन हजार मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।