नई दिल्ली : दिल्ली में श्रीलंका के क्रिकेट खिलाडय़रों को प्रदूषण के कारण मास्क लगाकर खेलने के लिये मजबूर होने के एक दिन बाद आज राष्ट्रीय राजधानी में हवा की गुणवत्ता में और अधिक गिरावट दर्ज की गयी है। केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की आज की रिपोर्ट के मुताबिक हवा में प्रदूषण बढ़ने वाले पार्टिकुलेट तत्वों, पीएम 2.5 और पीएम 10 के स्तर में इजाफे के कारण हवा की गुणवत्ता में तेजी से गिरावट दर्ज की गयी है।
सीपीसीबी के नियंत्रण कक्ष द्वारा जारी आंकड़ के मुताबिक दिल्ली में आज दिन में तीन बजे पीएम 2.5 का स्तर 276 और पीएम 10 का स्तर 455 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर पर पहुंच गया है। इसके आधार पर प्रदूषण को अतिगंभीर या आपात स्थिति के निकटवर्ती बताया गया है। प्रदूषण मानकों के मुताबिक पीएम 2.5 का स्तर 300 और पीएम 10 का स्तर 500 से अधिक होने पर प्रदूषण से उपजे हालात को आपात श्रेणी में रखा जाता है। सामान्य स्थिति में पीएम 2.5 और पीएम 10 का स्तर क्रमश: 60 और 100 होना चाहिये। सीपीसीबी द्वारा जारी हवा की गुणवथा सूचकांक में भी हवा में प्रदूषण के कारक तत्वों की मात्रा में इजाफे के स्पष्ट संकेत दिये गये हैं। अधिकतम 500 अंक वाले सूचकांक पर हवा की गुणवथा का स्तर आज दिन में तीन बजकर 30 मिनट पर 390 पर पहुंच गया। सूचकांक पर इसे गंभीर श्रेणी में दर्शाया गया है। कल यह 351 के स्तर पर था।
हवा की बिगड़ती गुणवत्ता को बहुत खराब श्रेणी में बताते हुये अधिक समय तक खुले में रहने पर सांस संबंधी दिक्कतों से परेशानी बढ़ने की चेतावनी जारी की गयी है। इसमें स्वस्थ लोगों को अधिक समय में खुली हवा में रहने से बचने और पहले से सांस और हृदय रोगों से पीडत़र लोगों पर दूषित हवा का गंभीर असर होने के प्रति सजग किया गया है। सूचकांक पर शून्य से 50 अंक के बीच हवा की गुणवथा को अच्छा, 51 से 100 के बीच संतोषजनक, 101 से 200 के बीच की स्थिति को खराब, 301 से 400 के बीच बहुत खराब और 401 से 500 अंकों के बीच की स्थिति को गंभीर श्रेणी में रखा जाता है। पिछले महीने नवंबर में वायु प्रदूषण की स्थिति अतिगंभीर स्थिति में पहुंचने के बाद कल से तापमान में गिरावट दर्ज किये जाने के साथ ही हवा की गुणवथा एक बार फिर खराब हो गयी है।
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