राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने आज अखिल भारतीय इमाम संगठन के प्रमुख इमाम डॉ इमाम उमर अहमद इलियासी से मुलाकात की। कस्तूरबा गांधी मार्ग मस्जिद के बंद कमरे में करीब एक घंटे तक चली बैठक के बाद डॉ इलियासी का बयान सामने आया है।
मानवता सबसे बड़ा धर्म
आरएसएस प्रमुख से मुलाकात के बाद डॉ इलियासी ने कहा कि मोहन भागवत जी आज मेरे निमंत्रण पर पधारे। वह 'राष्ट्र-पिता' और 'राष्ट्र-ऋषि' हैं, उनकी इस यात्रा से एक अच्छा संदेश जाएगा। भगवान की पूजा करने के हमारे तरीके अलग हैं लेकिन सबसे बड़ा धर्म मानवता है। हमारा मानना है कि देश पहले आता है।
इस मुलाकात के दौरान मोहन भागवत के साथ संघ के वरिष्ठ पदाधिकारी कृष्ण गोपाल, राम लाल और इंद्रेश कुमार भी मौजूद रहे। राम लाल पहले बीजेपी के संगठनात्मक सचिव थे जबकि कुमार मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के संरक्षक हैं।
बैठक की जानकारियां साझा करते हुए अहमद इलियासी के भाई सुहैब इलियासी ने कहा, ‘‘यह काफी अच्छी बात है कि भागवत हमारे पिता की पुण्यतिथि पर हमारे निमंत्रण पर आए। इससे देश में अच्छा संदेश भी गया है।’’ आरएसएस प्रमुख साम्प्रदायिक सौहार्द्र को मजबूत करने के लिए मुस्लिम बुद्धिजीवियों के साथ चर्चा कर रहे हैं।
उन्होंने हाल में दिल्ली के पूर्व उपराज्यपाल नजीब जंग, पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एस वाई कुरैशी, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति लेफ्टिनेंट जनरल जमीरउद्दीन शाह, पूर्व सांसद शाहिद सिद्दीकी और कारोबारी सईद शेरवानी से मुलाकात की थी।
संवाद प्रक्रिया का हिस्सा
इस मुलाकात में भागवत ने हिंदुओं के लिए ‘‘काफिर’’ शब्द के इस्तेमाल के मुद्दे को उठाया था और कहा था कि इससे अच्छा संदेश नहीं जाता है। वहीं, मुस्लिम बुद्धिजीवियों ने कुछ दक्षिणपंथी संगठनों द्वारा मुसलमानों को ‘‘जिहादी’’ तथा ‘‘पाकिस्तानी’’ बताए जाने पर आपत्ति जतायी थी। मुस्लिम बुद्धिजीवियों ने भागवत को यह भी बताया था कि ‘काफिर’ शब्द के इस्तेमाल के पीछे मकसद कुछ और है लेकिन कुछ वर्गों में अब इसे ‘‘अपशब्द’’ के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है।
आरएसएस प्रमुख ने बुद्धिजीवियों की चिंताओं को समझते हुए कहा कि ‘‘सभी हिंदुओं तथा मुसलमानों का डीएनए एक ही है।’’आरएसएस के प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने कहा, ‘‘आरएसएस सरसंघचालक हर वर्ग के लोगों से मुलाकात करते हैं। यह निरंतर चल रही सामान्य ‘संवाद’ प्रक्रिया का हिस्सा है।’’