‘अग्निपथ’ योजना को चुनौती देने वाली सभी याचिकाओं पर दिल्ली हाई कोर्ट में 25 अगस्त को सुनवाई की जाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को योजना को चुनौती देने वाली सभी याचिकाओं को दिल्ली हाईकोर्ट में स्थानांतरित कर दिया, जहां इस योजना के खिलाफ इसी तरह की चुनौतियां पहले से ही लंबित हैं।
मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने बुधवार को योजना से संबंधित सभी मामलों को जोड़ दिया, जिसमें युवाओं को चार साल के लिए सेना में शामिल करने का प्रस्ताव है। हाई कोर्ट में अब तक अग्निपथ योजना से जुड़ी तीन याचिकाएं लंबित हैं।
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अग्निपथ योजना के बाद रद्द की गई सभी पिछली भर्ती प्रक्रियाओं को फिर से शुरू करने की मांग करते हुए मंगलवार को दिल्ली हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की गई थी। अधिवक्ता विजय सिंह और पवन कुमार के माध्यम से दायर एक उम्मीदवार की याचिका में कहा गया है कि याचिकाकर्ता ने 30 जुलाई, 2020 से 8 अगस्त, 2020 तक सिरसा में सेना भर्ती रैली में सैनिक जनरल ड्यूटी के पद के लिए आवेदन किया था।
एक अन्य जनहित याचिका भारतीय नौसेना की भर्ती प्रक्रिया और अधिकारी रैंक से नीचे के व्यक्ति (पीबीओअरएस) के मानदंड को शॉर्टलिस्ट करने के खिलाफ है।