हरिद्वार : गंगापुत्र स्वामी ज्ञान स्वरूप सानंद के निधन के बाद शासन-प्रशासन की भूमिका पर सवाल खड़े होने लगे हैं। इसी कड़ी में हरिद्वार पहुंचे जोशीमठ स्थित बद्रिकाश्रम में गंगा की अविरलता और निर्मलता के लिए अनशन कर रहे स्वामी गोपालदास को शुक्रवार देर रात जिला प्रशासन की टीम मातृसदन से उठा ले गयी, जिसके बाद एक बार फिर से प्रशासन की भूमिका पर सवाल खड़े होने लगे हैं। मातृसदन के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद ने बताया कि पर्यावरणविद राजेन्द्र सिंह स्वामी गोपलदास को मातृसदन लेकर आए थे और वो स्वेच्छा से मातृसदन में आकर अनशन करना चाहते थे।
गोपालदास पहले से ही अनशन कर रहे थे, लेकिन जब उनके मातृसदन में रहते तबीयत खराब की जानकारी नहीं है तो प्रशासन रात के अंधेरे में गोपालदास को उठाकर एम्स क्यों ले गई, जबकि एम्स अस्पताल की भूमिका को लेकर पहले ही प्रश्न चिन्ह खड़े हो रहे हैं। प्रशासन द्वारा रात के अंधेरे में स्वामी गोपालदास को अनशन से उठाकर एम्स में भर्ती कराए जाने पर उपजिलाधिकारी मनीष कुमार का कहना है कि स्वामी गोपालदास जोशीमठ श्रीनगर और ऋषिकेश में पहले से अनशन कर रहे हैं और करीब 110 दिनों से वो अनशन पर हैं।
गंगा संरक्षण को लेकर 111 दिनों से अनशन कर रहे स्वामी ज्ञानस्वरूप सानंद का निधन
हालांकि, ऋषिकेश प्रशासन द्वारा भी उनको दो बार पहले भी एम्स में भर्ती कराया जा चुका है,उनके स्वास्थ्य में किसी तरह की कोई दिक्कत न हो इसलिए रात में उनको आश्रम से ले जाकर एम्स ऋषिकेश भर्ती कराया गया है। उनका स्वास्थ्य स्थिर है और वो पूरी तरह से ठीक हैं।