केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) ने ‘पुलिस स्मृति दिवस’ (Police Smriti Diwas) के अवसर पर राष्ट्रीय पुलिस स्मारक (National Police Memorial) पर ड्यूटी के दौरान जान गंवाने वाले पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि दी। इस दौरान उन्होंने कहा कि शहीदों के बलिदान हमेशा याद किया जाएगा।
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि आज हमारा देश हर दिशा में प्रगति करता हुआ दिखाई दे रहा है। देशभर की पुलिस फोर्स और CAPF के 35,000 से ज्यादा जवानों ने देश की आंतरिक सुरक्षा और देश की सीमाओं की रक्षा करने के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है।
उन्होंने कहा, देश की आंतरिक सुरक्षा में सकारात्मक बदलाव आया है। इससे पहले पूर्वोत्तर, कश्मीर और वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में बड़ी घटनाएं हुई थीं। पहले सशस्त्र बलों को विशेष अधिकार दिए जाते थे, अब युवाओं को उनकी प्रगति के लिए विशेष अधिकार दिए जाते हैं। अमित शाह ने कहा कि पहले पत्थर फेंकने में शामिल युवा अब सरकार द्वारा शुरू की गई विभिन्न विकास परियोजनाओं में शामिल हैं। पीएम मोदी के विजन के तहत देश की आंतरिक सुरक्षा को मजबूत करने के लिए कई उपाय किए गए हैं।
क्यों मनाया जाता है पुलिस स्मृति दिवस
भारत में हर साल 21 अक्टूबर को पुलिस स्मृति दिवस मनाया जाता है। इस साल भारत अपना 62वां पुलिस स्मृति दिवस मना रहा है। हर साल 21 अक्टूबर को पुलिस स्मृति दिवस इसलिए मनाया जाता है क्योंकि इसी दिन 21 अक्टूबर साल 1959 में लद्दाख के हॉट स्प्रिंग में सीमा की सुरक्षा में तैनात सीआरपीएफ के जांबाज सैनिकों के एक छोटे से गश्ती दल पर चीनी सेना द्वारा भारी संख्या में घात लगाकर हमला किया गया था। लेकिन हमारे जवानों ने बहादुरी से चीनी सैनिकों का सामना किया और शहीद हो गए। इस हमले में हमारे 10 केरिपुबल के रण बांकुरो ने सर्वोच्च बलिदान दिया था। उन्ही की याद में हर साल पुलिस स्मृति दिवस 21 अक्टूबर को मनाया जाता है।